धूम्रपान सेहत के लिए बहुत हानिकारक है। इससे फेफडों को नुकसान पहुंचने के साथ-साथ मर्दानगी पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है। रिसर्च में भी यह बात सामने आई है कि अगर गर्भवती महिला स्मोकिंग करती है तो गर्भ में पल रहे बेबी बॉय में स्पर्म क्वालिटी घट सकती है। सिर्फ मां ही नहीं बल्कि पिता के धूम्रपान करने से भी गर्भ के पल रहे बेटे को भविष्य में इस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है।
स्पर्म काउंट 50 प्रतिशत तक कम
लुंड यूनिवर्सिटी, स्वीडन के स्पेशलिस्ट फिजियशन जोनाटन एक्जेलसन ने इस बारे में कहा, 'मैं शोध के परिणामों से हैरान हूं। मां के निकोटीन से संपर्क में होने के स्तर के अलावा, उन लोगों में स्पर्म काउंट कम था जिनके पिता स्मोकिंग करते थे।' इस शोध के परिणामों में पाया गया कि निकोटीन के संपर्क में रहने वाले पुरुषों और उनके बच्चे में मर्दानगी को लेकर दिक्कते आती हैं। इससे स्पर्म काउंट 50 प्रतिशत तक कम हो सकता है।
अस्थमा का खतरा
धूम्रपान के धुंए का असर बच्चे की फेफड़ों पर भी बुरा असर डालता है। इससे सांस लेने की दिक्कत भी आ सकती है, जिससे भविष्य में अस्थमा जैसी बीमारी होने के चांस बढ़ जाते हैं।
धूम्रपान छुड़ाने के तरीके
किसी भी बुरी लत को छोड़ने के लिए सबसे पहले मन में इच्छा होना बहुत जरूरी है। इसके बाद कुछ टिप्स आपके काम आ सकते हैं।
एक्यूपंक्चर (Accupuncture)
एक्यूपंक्चर एक चिकित्सिएं तकनीक है, जिसमें कानों पर 5 एक्यूपंक्चक बिंदुओं में बारीक सुई डाली जाती है। इसे धूम्रपान को रोकने में मदद मिलती है।
कान की मालिश
कान की मालिश के जरिए स्मोंकिग की इच्छा को काफी हद तक कम किया जा सकता है। कानों की मसाज करने से एक्यूपंक्चर बिंदू उत्तेजित हो जाते हैं, जो धूम्रपान की उत्तेजना को कम करने में मददगार है। इस लत से छुटकारा पाने के लिए रोजाना 2 मिनट काम की मालिश करें।
मुलेठी है फायदेमंद
मुलेठी खांसी से छुटकारा पाने के लिए बहुत कारगर है। इसके अलावा धूम्रपान की लत छुड़ाने के लिए भी इसकी मदद ली जा सकती है। जब भी सिगरेट पीने की इच्छा हो तो थोड़ी सी मुलेठी मुंह में डालकर चबा लें।