नारी डेस्क: मध्य प्रदेश के इंदौर में अब कोई भिखाड़ी नजर नहीं आएगा, क्योंकि यहां भिखारियों पर बैन लगा दिया गया है। शहर के प्रशासन ने घोषणा की है कि अगर कोई भी व्यक्ति भीख देते हुए पकड़ा गया तो उसके खिलाफ एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज की जाएगी। इतना ही नहीं अगर किसी ने भिखाड़ी देने की कोशिश भी की तो भी उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
शहर में जागरूकता अभियान जारी
दरअसल अपनी साफ-सुथरी सड़कों और प्रगतिशील पहलों के लिए मशहूर इंदौर भीख मांगने वालों पर काफी सख्त नजर आ रहा है। जिला कलेक्टर के मुताबिक - "भीख मांगने के खिलाफ जागरूकता अभियान इस महीने (दिसंबर) के अंत तक शहर में चलेगा। अगर कोई व्यक्ति 1 जनवरी से भीख मांगता हुआ पाया जाता है, तो उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जाएगी."।
लोगों से की भीख ना देने की अपील
जिला कलेक्टर ने इंदौरवासियों से अपील की है कि लोग भी देकर पाप के भागीदार न बनें। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने बीते कुछ महीनों में लोगों को भीख मांगने के लिए मजबूर करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस का कहना है कि कई भिखारी अवैध समूहों का हिस्सा हैं और उन्हें इस जीवन में मजबूर किया जाता है।
इंदौर पुलिस हुई सख्त
याद हो कि केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की ओर से देश के 10 शहरों को भिखारियों से निजात दिलाने के लिए के पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है.। इन शहरों की लिस्ट में इंदौर का नाम भी शामिल है। बीते दिनों इंदौर पुलिस ने शहर के भिखारियों से मुक्त बनाने के लिए टीम गठित कर 14 भिखारियों को पकड़ा है।