कोरोना के खिलाफ भारत में अभी दो वैक्सीन लगाई जा रही हैं, जिनमें से एक कोवैक्सीन तो दूसरी कोविशील्ड है। वहीं बता दें कि इससे पहले कोवैक्सीन और स्पुतनिक V की वैक्सीन की दोनों डोज के बीच अंतराल को लेकर लंबे समय से बातचीत चल रही थी। खासतौर पर कोविशील्ड के लिए ऐसा माना जा रहा था कि सरकार इस वैक्सीन की दोनों डोज के अंतराल को कम कर सकती है लेकिन अब ताजा जानकारी मिली है कि तीनों ही वैक्सीन की डोज के बीच के अंतर को नहीं बदला जा सकता।
कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक V की दोनों डोज के बीच के अंतराल में कोई चेंज नहीं
कोविड-19 वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन डॉ. एन के अरोड़ा ने बताया कि नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप फॉर इम्यूनाइजेशन (NTAGI) नियमित रूप से इन वैक्सीन के प्रभाव के आंकड़ों की समीक्षा कर रहा है। फिलहाल एनटीएजीआई की तरफ से तीनों वैक्सीन कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक V की दोनों डोज के बीच के अंतराल को बढ़ाने या घटाने के संबंध में कोई भी बदलाव का प्रस्ताव नहीं दिया गया है।
Reduction in the gap between two doses of COVISHIELD is being considered and it will be further discussed in NTAGI (National Technical Advisory Group on Immunisation in India): Government Sources#COVID19
— ANI (@ANI) August 26, 2021
अभी वैक्सीन में है कितना गैप?
जानकारी के लिए बता दें कि अभी कोवैक्सीन की पहली डोज लगने के 28 दिन बाद दूसरी डोज लगाई जाती है, तो वहीं कोविशील्ड में दोनों डोज के बीच का अंतराल 84 दिन है। इसी के साथ रूस की स्पुतनिक V जो कि अब भारतीय कंपनियों के द्वारा तैयार की जा रही है, इसकी डोज के बीच के अंतराल में भी परिवर्तन नहीं किया जा रहा है।
नए-नए वेरिएंट सामने आने के बाद उठी थी वैक्सीन में गैप कम करने की बात
बता दें कि ऐसी जानकारी थी कि कोरोना में हो रहे म्यूटेशन और नए नए वेरिएंट सामने आने के बाद कई बार कोविशील्ड वैक्सीन के डोज के अंतराल को घटाया या बढ़ाया गया था, इस दौरान कहा गया था कि अगर तीन महीने बाद भी दूसरी डोज लगती है तो वह प्रभावी रहती है, वहीं कोवैक्सीन में इस अंतराल को कम रखा गया था जिसे लेकर यह संभावना थी कि वैक्सीन के अंतरालों में परिवर्तन हो सकता है लेकिन अभी कोई बदलाव नहीं हो रहा है।