नारी डेस्क: जिस बेटी को बड़े प्यार से पाला, उसकी शादी बड़े अरमानों से की... आज उसी बेटी की लाश जलकर हमारे सामने पड़ी थी।" ये शब्द हैं निक्की के पिता के, जिनकी आंखों में आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में 28 वर्षीय निक्की की दहेज के लिए बेरहमी से हत्या कर दी गई। उसे जिंदा जलाने वाला कोई और नहीं, उसका अपना पति था – वही जिससे सात फेरे लिए थे। पिता का कहना है, “वो न इंसान है, न हैवान… वो तो कसाई है।”
कसाई की तरह बेरहम: पिता का बयान
निक्की के पिता ने आंसुओं भरी आवाज में कहा, “यह शख्स न आदमी है, न इंसान… यह कसाई है। जिसकी हिंसा से हमने अपनी बेटी को बचाकर घर लाया था, फिर समाज के दबाव में वह वापस उसे ले गए। अब उन्हें वही मिल गया जिसकी उन्हें चाह थी…”उन्होंने आगे बताया कि जब वे अपनी बेटी के पास पहुंचे, तो वह 70% तक जल चुकी थी। उसे फोर्टिस अस्पताल से सफदरजंग रेफर किया गया, लेकिन वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
बड़ी बेटी का दर्दनाक फ़ोन
निक्की की बड़ी बेटी कंचन ने फोन पर रोते हुए बताया कि “वे लोग भूखे पेट चले गए, पड़ोसियों ने हमें बताया कि आग लग गई है। जब हम अस्पताल पहुंचे, तो निक्की बुरी तरह जल चुकी थी।”
निक्की के पिता का कहना था कि
“इन दरिंदों ने कभी नहीं सोचा कि मैंने अपनी बेटी की पढ़ाई और शादी किस तरह की थी... क्या उन्हें इस दर्द का एहसास नहीं हुआ? इन्हें फांसी होनी चाहिए।”
एनकाउंटर के बाद क्या बोला पति विपिन?
एनकाउंटर के बाद पुलिस ने आरोपी पति विपिन भाटी को पैर में गोली लगने के बाद गिरफ्तार किया। अस्पताल में जब एएनआई ने उनसे पूछा तो उन्होंने ठंडी आवाज़ में कहा, “मैंने उसे नहीं मारा... वह खुद मर गई। पति-पत्नी में झगड़े होते रहते हैं, ये आम बात है।” डरावनी सच्चाई: सास ने तेल डाला, पति ने आग लगाई
निक्की के पिता ने आरोप लगाया कि
“उसकी सास ने उस पर मिट्टी का तेल डाला और उसके पति ने आग लगाई। दहेज की मांग उनकी ले-देकर पूरी हो गई है। मैंने अपनी बेटी की शादी रीति-रिवाज से की थी... अब जब मैं उसे खो चुका हूँ, तो उनकी मांगें पूरी हो गई हैं।”
7 साल के बेटे की दर्दभरी गवाही
छोटे से बेटे ने रोते हुए बताया, “मां पर उन्होंने कुछ डालकर फिर चांटा मारा, फिर लाइटर से आग लगा दी।” 7 साल के बेटे की यह गवाही दिल को थामकर रख देती है। घटना की यह पूरी दर्दनाक कहानी निक्की की बड़ी बहन कंचन ने रिकॉर्ड कर ली, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। वीडियो में स्पष्ट दिखाया गया है कि कैसे इस परिवार ने अंतिम सीमा पार कर दी।
इंसानियत की शर्मशार घटना
न सिर्फ एक हत्या, बल्कि यह सामजिक जिम्मेदारी की भी पराजय है। निक्की का दर्द, परिवार का टूटता अहसास और बेटे की मासूम आवाज़ एक आवाज़ बनकर उठ चुके हैं – इंसाफ की, इंसानियत की।
अब यह जिम्मेदारी है सिस्टम, प्रशासन और समाज की कि इस क़त्ल की सजा समय पर मिले और ऐसी कहानियां दोबारा दोहराई न जाएं।