दिल्ली समेत देश के किसी भी हिस्से में बुधवार को रमज़ान के महीने का चांद नज़र नहीं आया है और पहला रोज़ा 24 मार्च को होगा। रमजान इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना होता है। अगले 30 दिन तक मुस्लिम समुदाय के सदस्य सूरज निकलने से लेकर सूर्यास्त तक कुछ नहीं खाते हैं और ज्यादा से ज्यादा वक्त अल्लाह की इबादत में लगाते हैं।
चांदनी चौक स्थित फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मौलाना मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने बताया कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और तेलंगाना समेत देश के किसी भी हिस्से से रमज़ान का चांद दिखने की खबर नहीं मिली, लिहाज़ा ऐलान किया जाता है कि पहला रोज़ा 24 मार्च यानी शुक्रवार को होगा। इस्लाम में एक महीना 29 या 30 दिन का होता है। महीने के दिनों की संख्या चांद दिखने पर निर्भर करती है। बृहस्पतिवार को इस्लामी कैलेंडर के आठवें महीने ‘शाबान' की 30 तारीख है।
जामा मस्जिद के नायब इमाम सैयद शाबान बुखारी ने कहा कि- 22 मार्च को माहे रमज़ान मुबारक का चांद मुल्क के किसी भी हिस्से में नज़र नहीं आया है, लिहाज़ा रमज़ान का महीना शुक्रवार से शुरू होगा।'' मुस्लिम संगठन ‘इमारत-ए-शरिया हिंद' ने एक बयान में कहा कि चांद न तो दिल्ली में दिखा और न ही देश के किसी हिस्से से उसके दिखने की खबर मिली।
रमज़ान का चांद दिखने के बाद अगले दिन से पवित्र महीने का आगाज़ हो जाता है और अगले 30 दिन तक मुस्लिम समुदाय के सदस्य सूरज निकलने से लेकर सूर्यास्त तक न कुछ खाते हैं और न पीते हैं और ज्यादा से ज्यादा वक्त अल्लाह की इबादत में लगाते हैं। साथ में शाम में मस्जिदों में विशेष नमाज़ अदा की जाती है जिसे ‘ताराहवी' कहा जाता है। इस नमाज़ में पूरे कुरान का पाठ किया जाता है। यह सिलसिला ईद का चांद दिखने तक जारी रहता है। इस बार ईद 21 या 22 अप्रैल को पड़ सकती है।