05 DECFRIDAY2025 7:57:14 PM
Nari

चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं भूलकर  भी न करें ये काम, वरना रहेगी पूरी जिंदगी चिंता

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 03 Sep, 2025 06:20 PM
चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं भूलकर  भी न करें ये काम, वरना रहेगी पूरी जिंदगी चिंता

 नारी डेस्क: साल 2025 का आखिरी चंद्र ग्रहण 7 सितंबर, रविवार को लगेगा। यह भारत में पूरी तरह से दिखाई देगा। ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 30 मिनट की रहेगी। यह ग्रहण 7-8 सितंबर की मध्यरात्रि के समय शुरू होगा।

गर्भवती महिलाओं को क्यों जरूरी है सावधानी?

शास्त्रों के मुताबिक, ग्रहण के समय नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव ज्यादा होता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को खास ध्यान रखना चाहिए। थोड़ी सी भी लापरवाही से गर्भस्थ शिशु के विकास पर असर पड़ सकता है।

PunjabKesari

गर्भवती महिलाएं इन कामों को बिल्कुल न करें

 नुकीली चीजों का प्रयोग न करें

ग्रहण के दौरान कैंची, सुई, चाकू, ब्लेड जैसी नुकीली वस्तुओं को न छुएं और न ही इन्हें इस्तेमाल करें। सिलाई-बुनाई से भी बचें। मान्यता है कि इससे गर्भ में पल रहे बच्चे को चोट लग सकती है।

चंद्र ग्रहण को देखने की भूल भी न करें

गर्भवती महिलाओं को ग्रहण को सीधे आंखों से नहीं देखना चाहिए। इस दौरान चंद्रमा की किरणें अशुद्ध मानी जाती हैं, जो बच्चे के स्वास्थ्य को हानि पहुंचा सकती हैं। बाहर निकलने से भी बचें।

 खान-पान से जुड़ी सावधानियां

ग्रहण के समय नया खाना न बनाएं और न ही खाएं। शास्त्रों के अनुसार, ग्रहण की किरणों से भोजन दूषित हो जाता है, जिससे बच्चे के विकास पर बुरा असर पड़ सकता है। अगर पहले से बना खाना है, तो उसमें तुलसी के पत्ते डालकर रखें। इससे भोजन शुद्ध रहता है।

PunjabKesari

ये भी पढ़ें: पूजा थी घर में, पीरियड रोकने की ली गोली… फिर आधी रात में चली गई 18 साल बेटी की जान

गर्भवती महिलाएं ये काम जरूर करें

पेट पर गेरू लगाएं: ग्रहण के समय अपने पेट पर गेरू (एक प्रकार की मिट्टी) लगाकर रखें। इसे नकारात्मक ऊर्जा से बचाव के लिए शुभ माना जाता है।

धार्मिक क्रियाएं करें: इस समय भगवान का जाप करें, हनुमान चालीसा पढ़ें या कोई धार्मिक पुस्तक पढ़ें। इससे मन शांत रहता है और नकारात्मक प्रभाव से बचा जा सकता है।

आराम करें: ग्रहण के दौरान घर पर ही आराम करें। बाहर जाने या भारी काम करने से बचें।

ग्रहण खत्म होने के बाद क्या करें?

गंगाजल से स्नान करें: ग्रहण समाप्त होने के बाद गंगाजल मिले पानी से स्नान करें। इसे शुद्धिकरण के लिए जरूरी माना जाता है।

पुराने कपड़े बदलें: स्नान के बाद नए कपड़े पहनें और पुराने कपड़ों को दान कर दें।

दान करें: अगले दिन सूर्योदय के बाद दान करें। इससे मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
चावल, गुड़, वस्त्र या अनाज दान में दे सकते हैं।

PunjabKesari

गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय घर पर ही रहना सबसे सुरक्षित है। ये सभी नियम धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं। अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

ग्रहण का समय: 7 सितंबर की मध्यरात्रि से 8 सितंबर की सुबह तक। इन सावधानियों का पालन करके आप अपने और अपने आने वाले बच्चे को ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से सुरक्षित रख सकती हैं। 
  

 

Related News