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ग्रहों की दशा ठीक करने वाला बेशकीमती नेकलेस पहनते थे महाराजा भूपिंदर सिंह, जानिए रॉयल लाइफ से जुड़े किस्से

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 07 Oct, 2023 06:25 PM

शाही लोगों का शाही लाइफस्टाइल, उनके रईस शौंक जानने की उत्सुकता लोगों में शुरू से ही रही हैं। पंजाब में भी ऐसे कई राजा-महाराजा और रानियां रही हैं जो अपने रईसी के लिए जाने जाते थे। उन्हीं में से एक थे पंजाब के महाराजा भूपिंदर सिंह। चलिए आज उन्हीं के बारे में आपको बताते हैं।

पटियाला के मोती बाग में जन्मे थे भूपिंदर सिंह

पंजाब में पटियाला के मोती बाग में,  महाराजा भूपिंदर सिंह का जन्म 12 अक्टूबर 1891 को हुआ था। वह महाराजा राजेन्द्र सिंह के पुत्र थे। सन 1900 में पिता की मौत के बाद भूपिंदर सिंह को राज्य का दायित्व मिला था जिसे वर्ष 1909 में औपचारिक तौर पर भूपिंदर सिंह ने संभाला। इतिहासकारों के मुताबिक, महाराजा भूपिंदर सिंह के शानो-शौकत के चर्चे उस जमाने में पूरी दुनिया में हुआ करते थे। कहा जाता है कि उनकी कुल 365 रानियां थीं जो महाराज का पूरा ख्याल रखती थीं।

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दीवान जरमनी दास की किताब "महाराजा" के मुताबिक, महाराजा भूपिंदर सिंह के 10 पत्नियों से 83 बच्चे हुए थे जिनमें 53 ही जी पाए थे। महाराजा की 10 अधिकृत रानियों के समेत कुल 365 रानियां थीं। महाराजा कैसे अपनी 365 रानियों से मिलने जाते थे? इस बारे में भी किस्सा मशहूर है कि महाराजा पटियाला के महल में रोजाना 365 लालटेन जलाई जाती थीं। उन लालटेन में रानियों का नाम लिखा होता था जो लालटेन सुबह पहले बुझती थी। महाराजा उस लालटेन पर लिखे रानी के नाम को पढ़ते थे और फिर उसी के साथ रात को मिलने पहुंचते थे।

नहीं थी हीरे जवाहरातों की कमी 

महाराजा भूपिंदर सिंह के पास हीरे-जवाहरातों की कमी नहीं थी। उनके पास ऐसे गहने थे जो बेहद कीमती थे। उनकी संपति और वैभव का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं, कि वो भारत के पहले व्यक्ति थे जिनके पास अपना खुद का विमान रखा था।

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शाही राजघराना अपनी रईसी के लिए काफी फेमस था। उनके पास 166 करोड़ रुपए की लागत से बना एक शाही नैकलेस था जिस पर 2930 हीरे जड़ हुए थे। इस नेकलेस में दुनिया का सातवां सबसे बड़ा हीरा जड़ा था। इस नैकलेस का वजन लगभग एक हजार कैरेट था। यहीं नहीं, इस नेकलेस में हीरों के अलावा, ग्रहों की दिशा व दशा ठीक करने के लिए 23 रत्न भी जड़े हुए थे, जिनमें 18 कैरेट के दो रूबी शामिल थे। इतिहासकारों के मुताबिक, पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह साल 1926 में आभूषण खरीदने के लिए पेरिस गए थे। वहां उन्होंने कीमती नग, हीरों और आभूषण से भरा संदूक, पेरिस की ज्वेलरी बनाने वाली वर्ल्ड फेमस कंपनी कार्टियर को भेजा था और महाराजा ने ही कंपनी को एक अनूठा नेकलेस तैयार करने को कहा था।

आजादी के बाद चोरी हो गया था बेशकीमती नेकलेस

हालांकि आजादी के बाद महाराजा का ये बेशकीमती नेकलेस चोरी हो गया था। इसे तोड़कर अलग-अलग हिस्सों में बेच दिया गया था। नैकलेस में प्लेटिनम की चेन्स ही बची थीं। यह चेन्स साल 1994 में कार्टर कंपनी के अधिकारी एरिक नासबॉम को लंदन के एंटिक स्टोर में मिली थी। कार्टियर कम्पनी ने इन चेन्स को खरीदा और इस नैकलेस को दोबारा से बनाना शुरू किया था हालांकि, इसे बनाने में हीरे को बदलकर, नीलम और पुखराज रत्न का इस्तेमाल किया गया था लेकिन यह एक्सपेरिमेंट फेल रहा। आखिरी बार इस नेकलेस को कैप्टन अमरिंदर सिंह के पिता महाराजा यादविंदर सिंह ने पहना था।

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महाराजा जहां खाना खाते थे, उस डिनर सेट की कीमत 17 करोड़ रु. थी। चलिए उनके डिनर सेट के बारे में ही बताते हैं जो लंदन में नीलाम हुआ था।  महाराजा के डिनर सेट पर चांदी की परत चढ़ी थी। इस डिनर सेट में 1400 पीस थे। महाराजा ने इस डिनर सेट को लंदन की कंपनी गोल्डस्मिथ्स एंड सिल्वरस्मिथ्स कंपनी से बनवाया था, हालांकि यह डिनर सेट लंदन में 19.6 लाख पाउंड (करीब 17 करोड़) में नीलाम हो चुका है। लंदन के क्रिस्टी नीलामी घर के अनुसार, यह डिनर सेट एक अज्ञात आदमी से 2013 में खरीदा गया था।

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तो ये थे महाराजा भूपिंदर सिंह के शाही शौक जिनके किस्से आज भी लोग याद करते हैं। अगली रॉयल फ्राइडे में हम ऐसी ही शाही घराने से जुड़ी स्टोरी आपके साथ शेयर करेंगे। 

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