लीच थेरेपी जिसे जोंक चिकित्सा या हिरुडोथेरेपी भी कहा जाता है प्राचीन काल से ही इस्तेमाल किया जा रहा है। पहले ग्रीक के लोग इस थेरेपी का इस्तेमाल शरीर से खराब खून को निकालने के लिए करते थे लेकिन अब इस थेरेपी द्वारा गंजेपन से लेकर हार्ट डिजीज व डायबिटीज तक का इलाज किया जा रहा है। चलिए आज हम आपको बताते हैं क्या है जोंक थेरेपी और इसके फायदे।
क्या है जोंक थेरेपी?
इस थेरेपी में जोंक को शरीर पर रखा जाता है। शरीर पर रखते ही जोंक खून चूसने लगती हैं जिससे शरीर में दूषित रक्त बाहर निकल आता है। इस थेरेपी में मरीज पर 15 जोंक के साथ करीब 45 मिनट इलाज किया जाता है जो कई बार तीन माह तक चलता है। एक बार में जोंक शरीर से 5 मि.ली. खून चूस लेती है, जिससे दाद-खुजली, घाव, नसों का फूलना, कील-मुंहासे, गंजापन, डायबिटीज और खून के थक्के बनना जैसी कई बीमारियां ठीक हो जाती है।
फायदेमंद क्यों है जोंक थेरेपी?
जोंक लार के जरिए खून में हीरूडीन नामक रसायन छोड़ती है, जिससे खून का संचार बेहतर होता है। साथ ही जोंक शरीर से प्रदूषित खून भी चूस लेता है, जिससे खून साफ हो जाता है।
दिल के रोगों के लिए फायदेमंद
हृदय रोगों के मरीजों के लिए जोंक थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। इस जीव में एंटीकोग्यूलेशन एजेंट होते हैं जो दिल से सम्बंधी बीमारियों में फायदेमंद होते हैं।
डायबिटीज का इलाज
जोंक चिकित्सा मृत कोशिकाओं को हटाने का काम भी करती है जो डायबिटीज रोगी में पाए जाते हैं। इस थेरेपी को जो उत्तक सही से काम नहीं कर रहे उनमें रक्त संचारण में सुधार के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे डायबिटीज रोगी के जख्म जल्दी भरते हैं और इससे शुगर भी कंट्रोल होती है।
शरीर की सूजन से आराम
जोंक थेरेपी अंगों में होने वाली सूजन के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इससे हर प्रकार की सूजन जैसे कि पाचन अंगों में सूजन, पैर में सूजन और दर्द, हेपेटाइटिस आदि को ठीक किया जा सकता है।
गंजेपन को करे दूर
सिर पर जहां बाल कम हो उस जगह पर जोंक को रखकर खून चुसवाया जाता है। इससे शरीर में पौष्टिकता बढ़ती है और स्कैल्प में खून का संचार बेहतर होता है, जिससे बाल उगने लगते हैं।
त्वचा की करे देखभाल
त्वचा के रोग को भी इस थेरेपी से ठीक किया जा सकता है। इतना ही नहीं इस थेरेपी से कील मुंहासे दूर होने के साथ-साथ चेहरे पर ग्लो भी आता है।