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बच्चों में सीखने-पढ़ने की समस्‍या है डिस्‍लेक्सिया रोग, जानें इसके लक्षण

  • Updated: 06 May, 2018 12:15 PM
बच्चों में सीखने-पढ़ने की समस्‍या है डिस्‍लेक्सिया रोग, जानें इसके लक्षण

कई बार बच्चों को सीखने और पढ़ने में प्रॉब्लम देखने को मिलती है लेकिन पेरेंट्स अक्सर उन्हें इग्नोर कर देते हैं। मगर बच्चों में सीखने और पढ़ने की कमजोरी डिस्‍लेक्सिया रोग का संकेत हो सकता है। डिस्लेक्सिया में पढ़ना, लिखना और शब्दों का बोल पाना मुश्किल होता है। इससे ग्रस्त बच्चे अक्सर बोलने वाले और लिखित शब्दों को याद नहीं रख पाते हैं। इसकेअलावा वह कई चीजों को समझ भी नहीं पाते। आज हम आपको इस बीमारी के कुछ लक्षण और उपचार बताएंगे, जिससे आप बच्चों को इस बीमारी से बचा सकते हैं।
 

क्या है डिस्लेक्सिया?
डिस्लेक्सिया रोग तीन तरह का होता है। पहला यानि प्राइमरी डिस्लेक्सिया में बच्चें अक्षर और संख्या की पहचान करना, पढ़ना, मापना, समय देखना और अन्य गतिविधियां नहीं कर पाते। दूसरे यानि सेकेंड्री डिस्लेक्सिया की समस्या भ्रूण में बच्चों का दिमागी विकास न होने के कारण होती है। इससे शब्दों की पहचान और उनकी बोलने में समस्या आती है। तीसरे, ट्रॉमा डिस्लेक्सिया की समस्या बच्चों में दिमागी चोट लगने के कारण देखने को मिलती है। इसमें बच्चे शब्दों की ध्वनि नहीं सुन पाते हैं इसलिए उन्हें शब्द बोलने और पढ़ना सीखने में कठिनाई होती है।
 

डिस्लेक्सिया के लक्षण
यह विकार 3-15 साल उम्र के लगभग 3 प्रतिशत बच्चों में पाया जाता है, यानी जब बच्चा स्कूल जाना शुरू कर देता है। बच्चों में यह लक्षण स्कूल जाने के बाद ही दिखाई देते हैं। क्योंकि पहले इन्हें पहचानना मुश्किल होता है। मगर इसके कुछ शुरुआती लक्षण को पहचान कर आप बच्चों की इस समस्या को दूर कर सकते हैं।

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1. इस बीमारी में बच्चों को शब्द की पहचान करने में दिक्कत होती है और समें वह स्पैलिंग भी ठीक से समझ नहीं पाते।
 

2. उन्हें पढ़ने, समझने और याद करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
 

3. वह दाएं और बाएं में ठीक से अंतर समझ नहीं पाते और कन्फूयज हो जाते हैं।
 

4. बच्चा धीरे-धीरे पढ़ता है और दूसरों के सामने पढ़ने या बोलने से घबराता है।
 

5. डिस्लेक्सिया से ग्रस्त व्यक्ति शब्दों या अक्षरों को उल्टा या गलत पढ़ता है। वह B को D समझ लेते हैं या 6 को 9 समझता है।
 

6. 7 वर्ष की आयु से पहले तक अक्षरों को उल्टा लिखते हैं, लेकिन बच्चे में इस तरह के लक्षण ज्यादा दिखाई देते हैं तो यह रोग होने की संभावना हो सकती है।
 

कैसे करें बच्चे की संभालें

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1. इन बच्चों की समझ धीमी होती है, इसलिए उन्हें ज्यादा समय देने की आवश्यकता होती है।
 

2. अगर बच्चे को यह प्रॉब्लम है तो उनके पढ़ने का तरीका बदलें।
 

3. उन्हें चीजों को आसान करके या तोड़-तोड़कर समझाएं। इससे उन्हें आपकी बात जल्दी समझ आएगी।
 

4. आप उन्हें पढ़ाने या कुछ भी समझाने के लिए पेंटिंग या कहानियों का सहारा ले सकते हैं।
 

5. बच्चे को जिस चीज अक्षर को पहचानने या लिखने में दिक्कत होती हैं वह उन्हें बार-बार लिखवाएं। आफ उन्हें वोकेशनल ट्रेनिंग भी करवा सकते हैं।

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