अल्जाइमर एक ऐसा दिमागी रोग है, जिसमें व्यक्ति की एकाग्रता शक्ति कम हो जाती है। उसे चीजों को याद रखने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। बहुत बार ऐसा होता है कि कोई व्यक्ति किसी चीज को एक जगह पर रख कर कुछ ही मिनटों में उसके बारे में भूल जाता है। मगर बहुत से लोग इसे साधारण सी बात समझ कर इस पर गौर नहीं करते हैं। मगर एक उम्र के बाद ये रोग गंभीर रूप ले लेता है। वैसे तो बुजुर्ग लोग अल्जाइमर के ज्यादा शिकार होते हैं। मगर आज के समय में काम के अधिक बोझ व बदलते लाइफ स्टाइल के चलते अपनी सेहत का सही से ध्यान न रखने के चलते आज युवावर्ग भी इस रोग की चपेट में आ रहें हैं।
ऐसे में इस बीमारी के प्रति सभी को जागरूक करने के लिए हर साल 21 सिंतबर को विश्व अल्जाइमर दिवस (World Alzheimer Day) के तौर पर मनाया जाता है। तो चलिए आज हम आपको इस रोग के लक्षण व बचाव के बारे में बताते हैं...
इन्हीं गलतियों के कारण व्यक्ति अल्जाइमर का शिकार होता है...
- ठीक से न सोना
- घंटों मोबाइल फोन को इस्तेमाल करना
- प्रोटीन से भरपूर चीजों का सेवन न करना
- घंटों एक ही जगह पर बैठे रहना और सोचना
- योगा, एक्सरसाइज व सैर न करना
इसके अलावा उम्र बढ़ना, दिमाग पर किसी तरह की कोई चोट लगना, डिप्रेशन, अनुवांशिक आदि के कारण भी व्यक्ति अल्जाइमर रोग की चपेट में आ सकता है।
अल्जाइमर में पाए जाने वाले लक्षण
रात को ठीक से नींद न आना
चीजों को जल्दी ही भूलना
आंखों की रोशनी कमजोर होना
छोटे व थोड़े समय में काम करके ही चिड़ना या परेशान होना
अपने ही परिवार के सदस्यों को पहचानने में दिक्कतें आना
सोचने, याद करने समझने व याद करने की शक्ति कम होना
किसी भी बात का फैसला लेने में परेशानी आना
हर समय डर व चिंता में रहना
आसपास की चीजों व गतिविधियों का ध्यान न रहना
वैसे तो इस बीमारी से ठीक होने को लेकर अभी तक कुछ अच्छे से कहा नहीं जा सकता है। हां, मगर अपनी डेली रूटीन में कुछ बदलाव कर इससे बचा जा सकता है। खासतौर पर इस बीमारी के शुरूआती लक्षणों को पहचान कर समय रहते इस पर काबू पाया जा सकता है। नहीं तो अल्जाइमर की हर बीमारी गंभीर रूप ले सकती है।
यूं करें बचाव
- समय पर सभी कामों को करने की कोशिश करें।
- सुबह जल्दी उठकर खुली हवा में सैर, योगा व एक्सरसाइज करें।
- अकेले घंटों बैठे रहने की जगह अपने परिवार के सदस्यों और दोस्तों के साथ समय बीताए। ताकि उनकी पहचान रहें।
- अगर पहले ही घर का कोई सदस्य इस बीमारी से पीड़ित रहा हो तो ऐसे में खुद का खास ध्यान रखें।
- रोजाना किताबों, मैगजिग, अखबार आदि को पढ़े ताकि लर्निंग पावर तेज हो।
- परिवार वालों या दोस्तों के साथ समय- समय पर घूमने जाए। उनके साथ समय बीताए। इससे मन से खुशी मिलने से डिप्रेशन कम करने में मदद मिलगी।
- किसी मनपसंद किताब पढ़ने के अलावा संगीत सुनना भी एक अच्छा ऑप्शन है।
- जितना हो सके उन कामों को करें जिन्हें आप हमेशा से ही करना चाहते थे। साथ ही जिन चीजों को करने से अंदर से खुशी मिलती है।