अगर आप में हुनर है और कुछ कर गुजरने की चाह तो लक्ष्य पाने से आपको कोई नहीं रोक सकता। बस जरूरत होती है आत्म विश्वास और सच्ची लग्न की। कुछ ऐसी ही मिसाल 17 साल की खुशी शर्मा ने भी कायम की है। इस छोटी सी उम्र में उन्होंने वो कर दिखाया जो उम्रदराज लोग भी नहीं कर पाते। लिखने के शौक को आगे बढ़ाते हुए खुशी ने 'द मिसिंग प्रोफेसी - राइज ऑफ दा ब्लू फीनिक्स'' नाम से एक उपन्यास लिखा है। 75000 शब्दों वाली इस साई-फाई एडवेंचर थ्रिलर नॉवल को इतना अच्छा परिणाम मिला कि एक महीने में ही 1000 से अधिक प्रतियां बिक गई और यह पुस्तक अमेज़ॅन हॉट रिलीज़ पर नंबर #1 ट्रेंड कर रही है।
स्क्वैश और ड्रेगन बोटिंग में दो बार राष्ट्रीय पदक विजेता, खुशी चंडीगढ़ के कार्मेल कॉन्वेंट स्कूल में नॉन-मेडिकल में बारहवीं कक्षा की छात्रा हैं। इससे पहले कोरोना काल के दौरान भी उन्होंने अपने वायरस से जुड़े विस्तृत शोधों को गणितीय मॉडलिंग और रोग की प्रगति के पूर्वानुमान को अपने ब्लॉग www.blogwithkhushi के जरिए साझा किया। इसी साल उन्होंने अपना पहला उपन्याय लिखा है।
अपने लिखे नॉवल के बारे में बात करते खुशी ने बताया, 'अपनी सोच को शब्दों के रूप में लिखना और किताब के माध्यम से दूसरों तक पहुंचना एक अलग ही तरह का रोमांच पैदा करता है। मुझे शुरू से ही लिखने का शौक रहा है, हालांकि मैं किताब भी लिख पाऊंगी, यह उम्मीद नहीं थी लेकिन मेरी किताब को पाठकों का बहुत प्यार मिल रहा है।'
एडवेंचर थ्रिलर पर आधारित है किताब
अपनी किताब के बारे में बताते हुए खुशी ने कहा कि ये बुक एडवेंचर थ्रिलर पर आधारित है जो ब्रह्मांड और विभिन्न ग्रहों पर रहने वाले असाधारण प्राणियों पर बनाई गई है। इन प्राणियों का शक्ति का स्रोत उनकी आंतरिक ऊर्जा ही होती है जो विभिन्न तत्वों को नियंत्रित करने से ही मिलती है। इस कहानी में मुख्य नायिका, ऐंबर हार्ट है जो फायर एलिमेंटलिस्ट है। वह तीन सदियों से एक ग्रह से दूसरे ग्रह भटक रही और निकलस से मिलने का रास्ता खोज रही है जबकि एविल थग्रोज (दुष्ट ताक्तें) सोलारिस ग्रह पर हावी होने की साजिशें करता है। यह इतनी रोचक किताब है जिसे आप यकीनन बीच में अधूरा छोड़ना नहीं चाहेंगे। सस्पेंस, साजिश और एडवेंचर से भरी इस कहानी को और प्रभावशाली-आकर्षक बनाने के लिए इमोशन, एक्शन, साइंस और पर्यावरण के साथ जोड़ा गया है। सस्पेंस से भरी इस रोमांचक कहानी में प्यार, गुस्से, नफरत, दोस्ती और बहादुरी आदि का हर रुप देखने को मिलेगा।
क्या हर उम्र का शख्स पढ़ सकता है किताब ?
हालांकि इसे बच्चे, युवा और वयस्क को लक्षित करके बनाई गई है लेकिन कहानी में रोचक तथ्य होने के चलते हर उम्र के शख्स को पसंद आएगी।
किताब लिखने का विचार कैसे आया?
चुनौतीपूर्ण समय आपकी क्रिएटिविटी की ललक को बढ़ाता भी और बाहर भी लाता है। मैं शुरू से ही एक स्पोर्ट्सपर्सन रही हूं। 10वीं की परीक्षा के बाद मार्च 2020 में स्क्वैश कोर्ट भी बंद हो गए तो मैंने घर में फ्री बैठने की बजाए कविताएं लिखनी शुरू की और 'One controls fire, the other controls soul, To save the world, each must play their role.' और यहीं से मुझे किताब लिखने की प्रेरणा भी मिली। 16वें या 17वें अध्याय पर जब मैं पहुंची तो खुद ही हैरान रह गई कि मैंने कितना कुछ लिखा था।
आपने किताब लिखना कब शुरू किया और इसे खत्म करने में कितना समय लगा?
दसवीं के एग्जाम के तुरंत बाद ही मैंने बुक लिखना शुरू कर दिया था हालांकि मैं साइंस की स्टूडेंट हूं तो मैंने पढ़ाई के चलते इसे बीच में छोड़ दिया था लेकिन मेरी छोटी बहन सुहानी ने मुझे इसे पूरा करने का आग्रह किया उस समय मैं 11वीं के एग्जाम दिए थे मैं नॉन मेडिकल स्टूडेंट थी इसलिए पैरेंट्स ने मुझे बुक पूरा करने के लिए दो दिन का समय दिया नहीं तो मैं इसे 12वीं बोर्ड एग्जाम देने के बाद पूरा कर पाती। मैंने चेलेंज एक्सेप्ट किया और 2 दिन में 9000 शब्द और जोड़ दिए।
17 साल की उम्र में ही किताब लिखकर आप कैसा महसूस करती हैं?
यह सच मे अविश्वसनीय है और कभी-कभी तो अवास्तविक लगता है कि मैं सैकड़ों किताबें पढ़ चुकी हूं और उस समय में यहीं सोचती थी कि कोई इतने सारे शब्द कैसे इतनी बखूबी लिख सकता है और आज मैं खुद 75000 शब्दों वाली एक मनोरंजन कहानी के साथ हूं।
किताब में आपका पसंदीदा पात्र कौन है?
किताब में दो पात्र मेरे फेवरेट हैं। एक ऐंबर हार्ट जो महिला नायिका है और दूसरा आइरिस। दोनों ही करैक्टर साहस, ताक्त, टीम वर्क और दृंढ़ संकल्प का प्रतीक है दोनों के पास तेज दिमाग है लेकिन मुझे विशेष रूप में ऐंबर हार्ट का किरदार पसंद है क्योंकि वह एकल-दिमागी है। कहानी में ऐंबर हार्ट जो अपने प्रिय निकलस को वापिस लाने का रास्ता ढूंढने के लिए तीन सदियों से ब्रह्रांड में भटक रही है।
क्या हम इस बुक की सीक्वल की उम्मीद कर सकते हैं?
किताब को पाठकों का बहुत प्यार मिला है। शानदार प्रतिक्रियाएं और समीक्षाएं मिल रही हैं और इस किताब के सीक्वल की भी मांग हो रही हैं तो यकीनन मैं नई प्रेरणा के साथ इसे पूरा करना चाहूंगी और भविष्य में लिखना जारी रखूंगी।
-वंदना डालिया