नारी डेस्क: श्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र महाराज ने छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली की तिथियों पर भ्रम को दूर कर दिया है। उन्होंने 30 अक्टूबर को छोटी दिवाली और 31 अक्टूबर को बड़ी दिवाली रामलला के दरबार में मनाई जानी चाहिए। यही हमारे शास्त्रों व पंचांगों के हिसाब से सही तारीख व समय है।
आचार्य सत्येंद्र महाराज जी ने कहा- देशभर में 30 अक्टूबर को छोटी दिवाली मनाई जाएगी और शाम की पूजा होनी चाहिए। उसके बाद 31 अक्टूबर को बड़ी दिवाली मनाई जाएगी। उन्होंने कहा- भगवान रामलीला के दरबार में होने वाली कुछ परंपराएं बदली हैं। यहां पहले छोटी दिवाली, दिवाली और अन्नकूट मनाया जाता था।
आचार्य सत्येंद्र महाराज ने परंपराओं का जिक्र करते हुए कहा- "मैं सभी को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं और प्रार्थना करता हूं कि सभी का साल अच्छा रहे। मैं आशा करता हूं कि सभी बुराइयां जलकर राख हो जाएं और देश तरक्की करे।" उन्होंने कहा- धनतेरस के दौरान भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा की जाती है और यह परंपरा लंबे समय से जारी है। पूजा करना और भोज करना हमारी परंपरा रही है।
अयोध्या के पुजारी ने कहा- "धनतेरस पर कई अन्य देवताओं की भी पूजा की जाती है। वर्षों से यही परंपराएं और अनुष्ठान होते आ रहे हैं और सभी को उनका पालन करना चाहिए। लोगों का मानना है कि धनतेरस पर कुछ नया लाना चाहिए क्योंकि इससे सौभाग्य और धन की प्राप्ति होती है।" बता दें कि देश भर में लोग पूरे उत्साह और उमंग के साथ धनतेरस मना रहे हैं।