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ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित होंगे मशहूर गीतकार गुलजार और जगद्गुरु रामभद्राचार्य

  • Edited By palak,
  • Updated: 18 Feb, 2024 02:29 PM
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित होंगे मशहूर गीतकार गुलजार और जगद्गुरु रामभद्राचार्य

गीतकार गुलजार और जगतगुरु रामभद्राचार्य इस बार ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित होने वाले हैं। ज्ञानपीठ पुरस्कार चयन समिति ने दोनों के नाम की घोषणा भी कर दी है। उर्दू के मशहूर गीतकार गुलजार और संस्कृत के लिए जगतगुरु रामभद्राचार्य को 58वां ज्ञानपीठ सम्मान दिया जाएगा। इस बात की जानकारी खुद भारतीय ज्ञानपीठ के महाप्रबंधक आरएन तिवारी ने दी है। उन्होंने बताया कि मशहूर कथाकार और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रतिभा राय की अध्यक्षता में चयन समिति ने यह फैसला लिया है। 

 पुरस्कार में 11 लाख रुपये की राशि भी दी जाएगी 

गौरतलब है कि 1944 में भारतीय ज्ञानपीठ की स्थापना की गई थी। वर्ष 1965 से भारतीय साहित्य में उत्कृष्ण योगदान के लिए हर साल ज्ञानपीठ पुरस्कार देने की शुरुआत हुई। संस्कृत भाषा को दूसरी बार और उर्दू भाषा को पांचवी बार ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया जा रहा है। आपको बता दें कि ज्ञानपीठ पुरस्कार देश का सर्वोच्च साहित्य सम्मान है। इसके साथ विजेताओं को पुरस्कार में 11 लाख रुपये की राशि, वाग्देव की प्रतिमा और प्रशस्ति पत्र भी दिया जाएगा। 

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तुलसीपीठ नामक धार्मिक सेवा संस्थान के अध्यक्ष हैं रामभद्राचार्य जी 

रामभद्राचार्य का जन्म 1950 में जौनपुर के खांदीखुर्द गांव में हुआ था। चित्रकूट में रहनेवाले रामभद्राचार्य मशहूर विद्वान, शिक्षाविद्, बहुभाषाविद्, रचनाकार, प्रवचनकार, दार्शनिक और हिंदू धर्मगुरु हैं। रामानंद संप्रदाय के वर्तमान चार जगदगुरु रामानन्दाचार्यों में से एक हैं और इस पद पर वह सन् 1988 से प्रतिष्ठित हैं। रामभद्राचार्य चित्रकूट में स्थित संत तुलसीदास के नाम पर स्थापित तुलसी पीठ नाम के धार्मिक और सामाजिक सेवा संस्थान के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। रामभद्राचार्य संस्कृत, हिंदी, अवधी, मैथिली सहित कई भाषाओं में अशुकवि और रचनाकार हैं। इसके अलावा रामभद्राचार्य जी 22 भाषाएं बोलते हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो उन्होंने 240 से ज्यादा पुस्तकों और ग्रंथों की रचना की है जिसमें चार महाकाव्य, रामचरितमानस पर  हिंदी टीका, अष्टाध्यायी पर काव्यात्मक संस्कृत टीका और प्रस्थानत्रयी पर संस्कृत भाषा में सम्मिलित हैं। रामभद्राचार्य जी को तुलसीदास पर भारत के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञों में गिना जाता है। रामचरितमानस की एक प्रामाणिक प्रति के रामभद्राचार्य संपादक हैं जिसका प्रकाशन तुलसी पीठ ने किया है। 2015 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया है। 

सम्पूर्ण सिंह कालरा के नाम से मशहूर हैं गुलजार 

ज्ञानपीठ से सम्मानित होने वाले संपूर्ण सिंह कालरा गुलजार के नाम से मशहूर हैं और वह हिंदू फिल्मों के मशहूर गीतकार हैं। इसके अलावा कवि, पटकथा लेखक, फिल्म निर्देशक, नाटककार और मशहूर शायर भी हैं। गुलजार की रचनाएं मुख्य रुप से हिंदी, उर्दू और पंजाबी में है। वर्ष 2002 में वह सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष 2004 में भारत सरकार की ओर से उन्हें तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है। 

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ऑस्कर पुरस्कार से भी हो चुके हैं सम्मानित 

साल 2009 में डैनी बॉयल निर्देशित फिल्म स्लमडॉग मिलियनेर में उनके लिखे गीत जय हो के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर पुरस्कार मिल चुका है। इस गीत के लिए उन्हें ग्रैमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। लंबी फिल्मी यात्रा के साथ-साथ गुलजार अदब के मैदान में नई-नई मंजिलें तय करते रहे हैं। 

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