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अगर आपका बच्चा भी पढ़ाई से चुराता है जी तो आपके काम आएंगे ये टिप्स

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 18 Sep, 2019 01:01 PM
अगर आपका बच्चा भी पढ़ाई से चुराता है जी तो आपके काम आएंगे ये टिप्स

आजकल बच्चों का मन पढ़ाई में लगता ही नहीं। पढ़ाई के दबाव और टैक्नोलॉजी के बढ़ते प्रभाव के कारण बच्चे पढ़ाई के से जी चुराने लगे हैं। ज्यादा पेरेंट्स बच्चों की इस आदत से परेशान है लेकिन कुछ तरीकों को अपनाकर आप बच्चे का मन पढ़ाई में लगा सकते हैं।

 

पढ़ाई के लिए सही जगह चुनें

बच्चे की पढ़ाई के लिए घर का वो कमरा चुनें, जहां शांति हो। शोर-शराबा बिल्कुल न हो, बैठने के लिए मेज-कुर्सी और कॉपी किताबें सही ढंग से व्यवस्थित होना चाहि, ताकि बच्चे का ध्यान इधर-उधर ना भटके और वो पढ़ाई की तरफ ध्यान दे सकें।

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रोजाना स्टडी करवाएं

बच्चों का मन पढ़ाई में लगाने के लिए जरूरी है कि उसे रोज एक तय समय में पढ़ाया जाए। नियमित रूप से पढ़ाई करने की योजना बनाएं। स्कूल की तरह घर में भी पढ़ाई का टाइम टेबल सेट करें लेकिन टाइम चेबल ऐसा, जिससे बच्चे को पढ़ाई उबाऊ न लगे।

धीरे-धीरे पढ़ने का समय बढ़ाए

बच्चों को पढ़ने के लिए बिठाना आसान नहीं होता है। अगर वे बैठ भी जाए तो उनमें एकाग्रता का अभाव रहता है। उनकी एकाग्रता बढ़ाने और पढ़ाई को रोचक बनाने के लिए शुरूआत में स्टडी का समय कम रखें और धीरे-धीरे बढ़ाएं। नियमित रूप से पढ़ाई करने पर एकाग्रता बढ़ने लगेगी और मन भी पढ़ाई में लगने लगेगा।

समय पर पढ़ने की आदत डालें

पढ़ाई ही नहीं, बच्चे को हर काम समय पर करने की आदत डालें। शुरूआत में बच्चे को थोड़ा मुश्किल लगेगा लेकिन धीरे-धीरे उसको आदत हो जाएगी। उसे समझाएं कि पढ़ाई को टालने से बोझ दिनोदिन बढ़ाता जाएगा और तनाव के कारण पढ़ाई में मन नहीं लगेगा।

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कारण जानें

अगर बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं रहा है या फिर वह पढ़ने से कतरा रहा है तो यह जानने की कोशिश करें कि वह ऐसा क्यों कर रहा है। हो सकता है कि उसे कोई सबजेक्ट समझ में न आ रहा हो।

पूरी तैयारी के साथ पढ़ाई के लिए बैठें

बच्चों को पढ़ाई के लिए पढ़ाई के लिए कॉपी किताबों और अन्य चीजों की जरूरत पड़ती है उन्हें अपने साथ लेकर बैठें। बार-बार उठने से बच्चे का ध्यान भंग होगा।

पहले करें प्लानिंग

पढ़ाई शुरू करने से पहले यह तय कर लें कि आज क्या पढ़ना है। कितने चैप्टर खत्म करने हैं और कितने समय में परीक्षा में किस तरह के प्रश्न आएंगे आदि बातों की तैयारी पहले से ही कर लें। नहीं तो पढ़ाई के दौरान सारा समय यह तय करने में ही निकल जाएगा कि क्या किया जाए।

फोन एवं गेम्स से रखें दूर

टैक्नोलॉजी के बढ़ते प्रभाव से बड़े तो क्या बच्चे भी अछूते नहीं हैं। टी.वी., स्मार्टफोन, टैबलेट, कंप्यूचर, लैपटॉप, रिमोट कंट्रोल गेम्स और सोशल मीडिया बच्चों के ध्यान में खलल डालते हैं। एकाग्रता को भंग करते हैं। अगर पेरेंट्स चाहते हैं कि बच्चा का मन अधिक समय तक पढ़ाई में लगे तो उसे इन चीजों से दूर रखें।

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