मौसम में बदलाव आने के साथ-साथ चिकनगुनिया जैसी खतरनाक बीमारी का प्रकोप भी बढ़ जाता है। यह बीमारी मच्छरों के काटने से होती है। मादा एडिज एजिप्टी और एडीड एल्बोपिक्टस नाम के मच्छर जब काटते हैं तो इनमें मौजूद वायरस इंसान में आ जाता है और व्यक्ति चिकनगुनिया से संक्रमित हो जाता हैं। यह मच्छर मुख्य तौर पर दिन में काटता है। इस वायरल इंफेक्शन में सबसे पहले बुखार होता है। लेकिन इसके साथ ही शरीर के कई जोड़ों में बहुत ही तेज दर्द होता है जो असहनीय हो जाता है। हालांकि बाजार में इस बीमारी की अभी तक कोई दवाई नहीं आई लेकिन शरीर इसे खुद ही ठीक कर देता है। यह एक इंफेक्शन वाली बीमारी है जो एक व्यक्ति के से दूसरे व्यक्ति को होती है। आज आपको बताते हैं कि चिकनगुनिया के लक्षण क्या हैं....
चिकनगुनिया के लक्षण
रिपोर्ट्स की मानें तो चिकनगुनिया का मच्छर काटने के 3-7 दिनों में ही इस बुखार के लक्षण दिखते हैं। इन लक्षणों में से सबसे पहले तेज बुखार, जोड़ों में असहनीय दर्द होता है। इसके अलावा सिर दर्द, बैचेनी, स्किन रैशेज भी हो सकते हैं। इस बुखार के चलते शरीर में बहुत ज्यादा थकान होती है। हालांकि इस बुखार को पहचानने में इसलिए समस्या आती है क्योंकि इसके लक्षण डेंगू और जीका वायरस जैसे ही होते हैं। परंतु यदि आपको तेज बुखार है और जोड़ों में बहुत ही तेज दर्द हो रहा है तो एक बार डॉक्टर से संपर्क जरुर करें।
इलाज
चिकनगुनिया के बुखार का अभी तक पूरा इलाज नहीं मिला है लेकिन ज्यादातर लोग इस बुखार के बाद खुद ही छीक हो जाते हैं। हफ्ते के अंदर चिकनगुनिया के लक्षण भी दूर हो जाते हैं हालांकि जोड़ों में दर्द काफी दिनों तक रहता है। ऐसे में उन्हें डॉक्टर के द्वारा दवाईयां भी दी जाती हैं। इसके अलावा जब व्यक्ति को चिकनगुनिया हो तो उसे ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए क्योंकि इस दौरान शरीर में पानी की कमी हो जाती है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर का बुखार कंट्रोल में रहता है। नवजात बच्चों, बुजुर्गों को चिकनगुनिया ज्यादातर मुख्य तौर पर होता है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हार्ट संबंधी समस्याओं से जूझ रहे मरीजों को भी चिकनगुनिया के कारण कई सारी परेशानियां हो सकती हैं।
कैसे करें अपना बचाव?
. ऐसी जगह पर न जाएं जहां पर बहुत से लोगों को चिकनगुनिया का बुखार हुआ है।
. एसी वाले कमरे में भी चिकनगुनिया का मच्छर नहीं आता।
. यदि आप बिना एसी वाले कमरे में सो रहे हैं तो मच्छरदानी जरुर लगाएं।
. घर के आसपास या फिर किसी बर्तन में पानी न जमा होने दें।
. ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर को पूरी तरह ढक सकें।
.बाहर निकलने पर मॉस्किटो वाली जेल और स्ननस्क्रीन जरुर लगाएं।