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कोरोना के साथ Bird Flu का डबल अटैक, जानिए महामारी के बीच कितना खतरनाक यह फ्लू

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 08 Jan, 2021 09:15 AM
कोरोना के साथ Bird Flu का डबल अटैक, जानिए महामारी के बीच कितना खतरनाक यह फ्लू

साल 2020 के कोरोना की दहशत खत्म नहीं हो रही और देश में एक और नए साल में नया संकट आन खड़ा हो गया है। पंजाब, हरियाणा,, केरल, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में फैल चुका बर्ड फ्लू अब लोगों के लिए आफत बन गया है। इसे देखते हुए भारत के 7 राज्यों में हाई अलर्ट जारी कर मांस, चिकन और अंडों की ब्रिकी पर रोक लगा दी गई है। यही नहीं, इसकी गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने दिल्ली में एक कंट्रोल रूम बना दिया है, ताकि हर राज्य से संपर्क किया जा सके।

यह बीमारी इंसानों को भी संक्रमित कर सकती हैं जब कोई शख्स बीमारी पक्षी के संपर्क में आ जाए। मगर, लोगों के मन में यही सवाल है कि बर्ड फ्लू से इंसानों को कितना खतरा है? क्या कोरोना महामारी में इससे मुसीबतें बढ़ सकती है। चलिए आपको बताते हैं इससे जुड़े कुछ जरूरी सवालों के जवाब...

क्या कोरोना की तरह संक्रामक बर्ड फ्लू?

एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (Avian Influenza) नामक यह वायरस H5N1 स्ट्रेन के कारण होता है। यह सिर्फ पक्षियों, सूअर, गधे, टर्की, गीस और प्रवासी जलीय पक्षी जैसे जंगली बतख तक ही सीमित नहीं है बल्कि इंसानों तक भी फैल सकता है। कोरोना महामारी के बीच बर्ड फ्लू इसलिए चिंता की बात है कि दोनों के लक्षण काफी हद तक मिलते जुलते हैं।

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क्या एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है बर्ड फ्लू?

WHO की मानें तो फिलहाल ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे साबित हो कि यह बीमारी इंसानों से इंसानों में फैलती है। इंसानों में यह संक्रमण तब होता है, जब वो संक्रमित जीव के संपर्क में आए हो या दूषित भोजन, मांस-मछली, अधपका भोजन, या पानी पिया हो।

फिर क्यों फैल रहा बर्ड फ्लू?

बर्ड फ्लू खासकर जंगली जलीय पक्षी जैसे बत्तख और गीस से फैला है, जिनमें एच5एन1 (H5N1) वायरस होता है। जब ये पक्षी यहां वहां घूमते हैं तो वह थूक और छींक के जरिए वायरस फैला देते हैं। वहीं, उड़ान भरते समय भी पक्षी अपना वेस्ट प्रोडक्ट यानी गंदगी फैला देते हैं, जो वायरस फैलने का कारण बनता है। कभी-कभी यह वायरस सूअरों, घोड़ों, बिल्लियों और कुत्तों जैसे स्तनधारियों में भी फैल जाता है।

महामारी के बीच इसलिए खतरनाक बर्ड फ्लू ?

1. वैज्ञानिकों का कहना है कि वायरस तेजी से अपना रूप बदलते हैं यानि रेप्लीकेट होते रहते हैं, जिससे ये तेज और संक्रामक हो सकता है। ऐसा ही कोरोना के नए स्ट्रेन के साथ भी हो रहा है।
2. इसके अलावा फ्लू वायरस में तेजी से म्यूटेशन होता है, जिससे दोगुणा तेजी से फैल सकता है। ऐसे में बर्ड फ्लू का फैलना वैज्ञानिकों के लिए चिंता की बात है।
3. कोरोना वायरस और बर्ड फ्लू के लक्षण काफी हद तक मिलते जुलते हैं जैसे सांस लेने में तकलीफ, बुखार के साथ कफ, थकान, गंध और स्वाद ना आना, सर्दी-खांसी, जोड़ों में दर्द आदि। ऐसे में दोनों के बीच पहचान करना मुश्किल हो सकता है।
4. वहीं, कोरोना के लक्षण करीब 7 से 14 दिन में सामने आते हैं जबकि बर्ड फ्लू के लक्षण 2-8 दिन में जाहिर हो जाते हैं। अगर बर्ड फ्लू का संक्रमण बढ़ जाए तो न्यूमोनिया भी हो सकता है, जोकि घातक स्थिति है।
5. आमतौर पर बर्ड फ्लू पक्षियों की आंत पर प्रभाव डालता है जबकि एवियन इन्फ्लूएंजा इंसानों की किडनी, फेफड़ों पर असर डालता है, जिससे सांस संबंधी समस्याएं, निमोनिया हो सकता है।

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इसके लक्षण कुछ दिनों में सामने आने लगते हैं...

. खांसी होने लगती है
. कफ बनना या जमाव होना
. सास लेने में दिक्कत
. हर समय सिरदर्द
. पेट में दर्द या उल्टी होना
. बुखार, शरीर की अकड़न, दर्द-थकान
. निमोनिया
. आंखों में जलन
. किडनी पर इफेक्ट
. यहां तक कि कार्डियक अरेस्ट तक का खतरा रहता है।

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जान लें बचाव के टिप्स भी...

. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने फ्लू का खतरा कम करने के लिए पोल्ट्री में काम करने वाले लोगों को PPE किट इस्तेमाल करने की सलाह दी है। इसके साथ ही हाथों को धोते रहें और संक्रमित पशु-पक्षियों से दूर रहें।

. घर से बार मास्क लगाए बिना ना निकलें और कुछ दिनों तक मांस-मछली, अधपका भोजन, तलाब व कुएं का पानी पीने से परहेज रखें।

. डॉक्टर की सलाह से इन्फ्लूएंजा टीका भी लगवा सकते हैं लेकिन इसके साथ अपनी डाइट पर ध्यान दें और अधिक मात्रा में तरल चीजों का सेवन करें। एक्सरसाइज और योग करना ना भूलें और शराब और तंबाकू से दूरी बनाकर रखें।

बर्ड फ्लू जैसे लक्षण दिखे तो 48 घंटे के अंदर की चेकअप करवाएं, नहीं तो यह जानलेवा हो सकता है। याद रखें सावधानी ही बीमारी से बचाव का पहला कदम है।

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