जैसे ही एक औरत का जन्म होता है। उसमें एक क्वालिटी अपने आप पनपने लगती है। इस गुणवत्ता का नाम है 'बलिदान करना', यह खूबी हर औरत में होती है। कभी वो बेटी बनकर अपने सपनों का बलिदान करती है तो कभी मां बनकर रात को अपने हिस्से की रोटी बच्चों को खिलाकर बलिदान करती है। लेकिन हर बार बलिदान का बीज बोना सही है ?क्या आपका हक नहीं बनता कि आपको दूसरा चांस मिले ? क्या आपका दोबारा उड़ान भरने का मन नहीं करता ? आपको भी पूरा हक सेकंड चांस मिलने का ?
लीजिए अपने शौक से पंगा
2019 में 'पंगा' फिल्म देखकर हर मां के अंदर वही जोश आएगा जो कभी उनके अंदर पहले हुआ करता था। आपको भी अपने अंदर के उस सोए हुए उम्मीदों को जगाना होगा। घर से ही दोबारा पंगा लीजिए। घर से ही अपना बिज़नेस शुरु करें।
पढ़ाई रह गई थी अधूरी तो दोबारा करिए शुरु
लॉकडाउन का अवसर जाने मत दीजिए। ऑनलाइन एडमिशन लेकर अपना अधूरी पढ़ाई आप पूरी कर सकते है। यही- नहीं अगर आप जॉब करना चाहती है तो यह भी ऑनलाइन हो सकता है।
जो सपना शादी से पहले देखा था उसे पूरा करिए
अगर आपने शादी से पहले कुछ बनने का सपना देखा तो आप दोबारा वो काम कर सकते है। चाहे वो एक नृतिका बनने का था या फिर एक डिज़ाइनर।
बच्चों को ही नहीं खुद भी आगे बढ़ना है जरुरी
अक्सर माएं अपने बच्चों को गिरकर भी खड़ा होना सिखाती है। तो यही सीख वो खुद क्यों नहीं अमल करती हैं ? खुद भी आगे बढ़िए। जो बीत गया है उसे सोचकर अपना आज खराब ना करें।
ख्वाबों के खजाने को खोलकर तो देखिए
देखिए 'जब जागो तब सवेरा' होता है। अगर आपने अभी समझा है कि है कि आपको दूसरा चांस मिलना चाहिए। इसका मतलब यह है कि आपका दोबारा उड़ान भरने का मन है और आपको भी पूरा हक है कि आपको सेकंड चांस मिले। तो खोलिए अपने ख्वाबों के खजाने को और खुशियों से अपना आंगन जरुर सजाए।