नारी डेस्क : हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथ गरुड़ पुराण में मृत्यु और पुनर्जन्म के साथ-साथ चिकित्सा और औषधि से जुड़ा अनमोल ज्ञान भी दर्ज है। इसमें केवल आध्यात्मिक ज्ञान ही नहीं, बल्कि टूटी हड्डियों के इलाज के प्राचीन नुस्खे भी शामिल हैं।
गरुड़ पुराण का महत्व
अधिकतर लोग गरुड़ पुराण को केवल मृत्यु और पुनर्जन्म से जोड़कर देखते हैं। लेकिन इस ग्रंथ में चिकित्सा, औषधि और घरेलू उपचार का भी विशेष ज्ञान है। आधुनिक चिकित्सा के समय से कई हजार साल पहले, ये प्राचीन नुस्खे ही लोगों के लिए मददगार साबित होते थे।

टूटी हड्डियों का उपचार
गरुड़ पुराण में हड्डियों के टूटने पर घरेलू उपायों का विस्तृत वर्णन किया गया है। इन उपायों से दर्द और सूजन में राहत मिलती है और हड्डियां जल्दी जुड़ती हैं।
औषधीय मिश्रण
सामग्री: लहसुन (रसोन), मधु (शहद), अडूसा (नासा), घृत
इन सभी सामग्री को अच्छी तरह मिलाकर हड्डी के टूटे हुए जोड़ पर लगाएं। यह मिश्रण दर्द और सूजन को कम करता है और हड्डी जल्दी जुड़ने में मदद करता है।
त्रिफला और त्रिकटु का उपयोग
सामग्री: त्रिफला, सोंठ, पिप्पली, काली मिर्च
इन सभी को समान भाग में पीसकर हड्डी के टूटे हुए संधि-स्थान पर लगाएं। यह मिश्रण हड्डी को मजबूत बनाता है और जोड़ जल्दी जुड़ने में मदद करता है।

प्राचीन बंधन विधि
टूटी हड्डी को सही स्थिति में रखते हुए कपड़ा, बांस की पतली पट्टी या पेड़ की छाल से बांधना भी गरुड़ पुराण में सुझाया गया है। यह विधि आधुनिक स्प्लिंट या कास्ट के समान काम करती है और हड्डी को स्थिर रखकर जल्दी जुड़ने में मदद करती है।
नुस्खे अपनाने से पहले जानें सावधानियां
घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
हड्डी पूरी तरह से जुड़ने तक भार या यात्रा करने से बचें।
ये उपाय हड्डियों को जोड़ने की आंतरिक क्षमता बढ़ाते हैं और दर्द और सूजन कम करते हैं।
गरुड़ पुराण केवल आध्यात्मिक ग्रंथ ही नहीं, बल्कि प्राचीन चिकित्सा और घरेलू उपचार का खजाना भी है। टूटी हड्डियों के लिए इसके नुस्खे आज भी उपयोगी हैं और प्राकृतिक रूप से दर्द, सूजन और कमजोरी को कम करने में मदद करते हैं।