नए साल 2020 का पहला चंद्र ग्रहण 10 जनवरी को रात 10 बजकर 37 मिनट पर शुरु होगा और रात 2 बजकर 42 मिनट पर खत्म होगा। तकरीबन 5 घंटे रहने वाले इस चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगी। यह चंद्र ग्रहण भारतीय शास्त्रों के अनुसार बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन पौष पूर्णिमा है। चाहे भारत में इस दिन चंद्र ग्रहण नही दिखाई देगा लेकिन भारत के शास्त्रो के अनुसार इस दिन पौष पूर्णिमा है जो कि बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। इस दिन आपको कुछ बातो ंका जरुर ध्यान रखना चाहिए ताकि आपको इसका पूरा फल मिल सके।
- हिंदू ग्रंथों में पौष पूर्णिमा के दिन दान, स्नान, सूर्य देव को अर्घ्य देने का बहुत ही महत्व होता है। इस दिन काशी, प्रयागराज, हरिद्वार में गंगा स्नान करना शुभ माना जाता है।
- वैदिक ज्योतिष और हिंदू धर्म के अनुसार इसे पौष सूर्य देव का महीना भी कहा जाता है। माना जाता है इस महीने में सूर्य देव की आराधना करने से व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त होता है। यह सूर्य देव का महीना और पूर्णिमा भी है इसलिए सूर्य और चंद्रमा की एक साथ पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
- यह साल का पहला चंद्र ग्रहण है जो पूर्ण न होकर उपच्छाया वाला ग्रहण है। इसमें चांद पूरी तरह नहीं छिपेगा। आमतौर पर ग्रहण से करीब 12 घंटे पहले सूतक लग जाता है लेकिन इस साल के इस ग्रहण में किसी भी तरह का सूतक काल नहीं लगेगा। इसी वजह से ग्रहण के मंदिर के दरवाजे भी खूले रहेंगे और पूजा अर्चना भी होती रहेगी।
- इस दिन ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान- दाना बहुत ही शुभ है। यह ग्रहण मिथुन राशि में लगने जा रहा है इसलिए इसका सबसे अधिक असर महिलाओं पर पड़ेगा। वहीं काल पुरुष के तीसरे भाव में ग्रहण लगने के कारण प्राकृतिक आपदाओं का खतरा भी बढ़ सकता है।
- इस दिन स्नान, दान, और व्रत करने से पुण्य मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। पौष पूर्णिमा के मौके पर देश के विभिन्न स्थानों पर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
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