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Ramadan 2022: रोजे रखने से मिलेंगे कई फायदे, कैंसर जैसी बीमारी का खतरा होगा कम

  • Edited By neetu,
  • Updated: 10 Apr, 2022 01:03 PM
Ramadan 2022: रोजे रखने से मिलेंगे कई फायदे, कैंसर जैसी बीमारी का खतरा होगा कम

रमजान का पाक महीना शुरु हो चुका है। इस दौरान इस्लाम समुदाय के लोग पूरे 30 दिनों तक रोजे रखते हैं। इस दौरान महीनेभर सूर्योदय से सूर्यास्त तक यानि करीब 10-12 घंटों तक कुछ भी खाने-पीने की मनाही होती है। मगर क्या आप जानते हैं कि ये रोजे शरीर के लिए भी फायदेमंद होते हैं। जी हां, रोजे को एकतरह का इंटरमिटेंट फास्टिंग कहा जाता है। इस व्रत को रखने से शरीर का बीमारियों से बचाव रहने के साथ बेहतर शारीरिक व मानसिक विकास में मदद मिलती है।

चलिए जानते हैं रमजान में रोजे रखने के बेमिसाल फायदों के बारे में...

कैंसर से बचाव

रिसर्च अनुसार, रोजा रखने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आने का खतरा कई गुणा कम हो जाता है। दरअसल, व्रत रखने से स्टेम सेल्स इम्यून सिस्टम को दोबारा पैदा करने में मदद मिलती है। साथ ही ट्यूमर किलिंग सेल्स का प्रोडक्शन भी तेजी से बढ़ती है। ऐसे में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी की चपेट में आने का खतरा कम रहता है।

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स्वस्थ दिल

गलत खानपान व लाइफस्टाइल के कारण लोगों में हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ रहा है। मगर एक्सपर्ट अनुसार, इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से दिल से जुड़ी बीमारियों के होने से बचाव रहता है। इससे शरीर में ब्लड शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, बैड कोलेस्ट्रॉल आदि कंट्रोल रहने में मदद मिलती है। इसतरह हार्ट अटैक व दिल से जुड़ी बीमारियों को लगने का खतरा काफी कम रहता है।

तेज दिमाग

रोजा रखने से शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, इंफ्लामेशन, ब्लड शुगर और इंसुलिन रेजिस्टेंस में सुधार होता है। इससे दिमाग के सेल्स स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। साथ ही इसकी कार्यक्षमता में सुधार होता है।

वजन घटाए

अगर आप मोटापे से परेशान है तो इंटरमिटेंट फास्टिंग की मदद से अपना वजन कम कर सकते हैं। लंबे समय तक भूखे रहने से शरीर पहले से जमा फैट को एनर्जी के रूप में तेजी से बर्न करने में मदद करता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग आपके खाने के समय को कम करती है। ऐसे में शरीर को कम कैलोरी मिलती है। इसतरह वजन घटाने में मदद मिलती है।

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हॉर्मोन, सेल्स और जीन्स में होगा सुधार

रोजा दौरान रखें व्रत को इंटरमिटेंट फास्टिंग कहा जाता है। इससे शरीर में हॉर्मोन, सेल्स और जीन्स की कार्यक्षमता में सुधार आता है। इस दौरान शरीर में लेवल कंट्रोल रहने में मदद मिलती है। साथ ही सेल्स तेजी से रिपेयर होते हैं।

 

 

 

 

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