टीवी की जानी- मानी एक्ट्रेस जैस्मीन भसीन ने हाल ही में बताया कि कैसे दिल्ली में एक कार्यक्रम के लिए लेंस पहनने के बाद उनकी कॉर्निया क्षतिग्रस्त हो गई थी। उन्होंने बताया कि- "मुझे नहीं पता कि मेरे लेंस में क्या खराबी थी, लेकिन उन्हें पहनने के बाद मेरी आंखों में दर्द होने लगा और दर्द धीरे-धीरे बढ़ता गया।" विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना इस बात पर प्रकाश डालती है कि जटिलताओं को रोकने के लिए आंखों की देखभाल को प्राथमिकता देना क्यों महत्वपूर्ण है, खासकर अगर आप नियमित रूप से कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं।
लेंस पर लुब्रिकेंट लगाएं
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक एशियन अस्पताल में नेत्र रोग विभाग की कंसल्टेंट और प्रमुख डॉ. सिद्धि गोयल ने बताया कि "अगर किसी व्यक्ति की आंखें सूखी हैं, तो उसे लेंस पर आई लुब्रिकेंट लगाना चाहिए। रात में लैपटॉप, कंप्यूटर या अपने कार्यस्थल पर काम करते समय आप अपने लेंस पर लुब्रिकेंट लगा सकते हैं। हालांकि, आपको पहले अपने डॉक्टर की मंजूरी लेनी चाहिए क्योंकि वे आपके द्वारा पहने जा रहे लेंस के प्रकार और सूखेपन की डिग्री का आकलन करेंगे," ।
सोने से पहले हटा दें लेंस
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स में नेत्र विज्ञान की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. उमा मलैया ने सलाह दी है कि- "नियमित रूप से आंखों की जांच बहुत जरूरी है और जरूरत के हिसाब से अपने लेंस प्रिस्क्रिप्शन या देखभाल की दिनचर्या को समायोजित करें। संक्रमण से बचने के लिए मेकअप, मेकअप ब्रश या एक्सपायर हो चुके आई प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल न करें। सोने से पहले अपने लेंस हटा दें और अपनी आंखों को रगड़ने से बचें।" "
नहाने से पहले हटा दें लेंस
रात को लैंस लगाकर सोने से पंक्टेट केराटाइटिस और सिलिअरी कंजेशन की समस्या हो जाती है। वहीं मणिपाल हॉस्पिटल, द्वारका में नेत्र विज्ञान की सलाहकार डॉ. वनुली बाजपेयी ने कहा- "नहाने से पहले लेंस निकालना सबसे अच्छा है, लेंस लगाकर नहाने या तैरने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है," । चिकित्सकों का कहना है कि "अगर आपको अक्सर आंखों में तकलीफ या खुजली होती है, तो कुछ दिन लेंस का इस्तेमाल न करना और सूजन या खुजली बंद होने तक आंखों में ड्रॉप डालना ही सही है। अगर आप अपनी आंखों को बहुत रगड़ते हैं, तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए।"
लैंस को लेकर इन बातों का रखें ख्याल
-लेंस को संभालने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें
- लेंस को हमेशा साफ और कीटाणुरहित रखें।
-लेंस केस में स्टोरेज के लिए कॉन्टैक्ट लेंस के घोल को रोजाना बदलें
-लेंस को साफ करने के लिए कभी भी नल के पानी का इस्तेमाल न करें
-लेंस को साफ केस में रखें, हर तीन महीने में केस बदलें।