हर दिन एक ही समय पर ऑफिस जा जा कर सिर्फ आप ही नहीं बल्कि दुनियाभर के कामकाजी लोग बोर हो चुके हैं। कुछ लोग तो ऐसे काम की तलाश कर रहे हैं जहां वह आने-जाने का समय खुद तय कर सकें। हाल ही में एक रिपोर्ट में भी ये बात सामने आई है कि ज्यादातर कर्मचारी चाहते हैं कि सैलरी भले ही घटा दो, लेकिन ड्यूटी ऑवर में ढील चाहिए।
33,000 कर्मचारियों का किया गया सर्वे
एडीपी रिसर्च इंस्टिट्यूट के ‘पीपल एट वर्क 2022: ए ग्लोबल वर्कफोर्स व्यू' के तहत 17 देशों में लगभग 33,000 कर्मचारियों के बीच यह सर्वे किया गया। इसमें 10 में से सात से ज्यादा कर्मचारियों ने अपने कामकाजी घंटों में अधिक लचीलेपन की मांग की। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में, 76.07 प्रतिशत कर्मचारी अपने काम के घंटों पर नियंत्रण रखना पसंद करेंगे। इन कर्मचारियों का कहना है कि वे ‘रीमोट' या दफ्तर के साथ घर से भी काम करने की सुविधा के लिए वेतन में कटौती के लिए भी तैयार हैं।
ऑफिस नहीं लौटना चाहते कर्मचारी
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 76.38 प्रतिशत कर्मचारियों का कहना है कि यदि उन्हें पूरी तरह काम पर लौटने के लिए कहा जाता है, तो वे नई नौकरी की तलाश करेंगे। एडीपी के दक्षिण-पूर्व एशिया और भारत के प्रबंध निदेशक राहुल गोयल ने कहा, ‘‘मौजूदा समय में कर्मचारियों को काम पर संतुष्ट रखने के लिए परंपरागत नौ से पांच नौकरी की जगह अभिनव वैकल्पिक विकल्पों की आवश्यकता है।'
208 साल पहले आया था 8 घंटे का नियम
सर्वे के मुताबिक, लगभग 73 फीसदी लोगों को लगता है कि घर से काम करने के दौरान भी उन पर ध्यान दिया जा रहा है और उन्हें महत्व दिया जा रहा है। कहा जाता है कि आज से करीब 208 साल पहले ब्रिटिश मजदूर यूनियन ने काम के 8 घंटे का नियम तय किया था। इससे पहले साल 1810 तक ऐसा कोई नियम नहीं था।