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कहीं 6 तो कहीं 7, इन देशों में अलग तारीख पर मनाया जाता है क्रिसमस

  • Edited By neetu,
  • Updated: 21 Dec, 2020 01:27 PM
कहीं 6 तो कहीं 7, इन देशों में अलग तारीख पर मनाया जाता है क्रिसमस

दुनियाभर में हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस का पावन त्योहार मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन ईसाइयों के गुरू ईसामसीह का जन्म हुआ था। वे उन्हें ईश्वर का बेटा मानते थे। ऐसे में वे इस त्योहार को बड़ी ही धूमधाम से सेलिब्रेट करते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कुछ देश ऐसे हैं जहां पर इस त्योहार को 25 दिसंबर की जगह 6 या 7 जनवरी को मनाया जाता है? जी हां, यह सच है। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...

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ग्रेगोरियन कैलेंडर और जूलियन कैलेंडर में फर्क है कारण

असल में, इसके पीछे का कारण ग्रेगोरियन कैलेंडर (Gregorian Calendar) और जूलियन कैलेंडर (Julian Calendar) में अंतर होना  है। पश्चिम के लोग ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से चलते हैं। इसे पोप ग्रेगोरी (Pope Gregory) ने सन् 1582 में बनाया था। ऐसे में  इंग्लैंड के लोग क्रिसमस डे '25 दिसंबर' को मनाते हैं। साथ ही इसे ऑल्ड क्रिसमस डे (Old Christmas day) भी कहा जाता है। मगर मध्य पूर्व के कई लोग जूलियन कैलेंडर को मानते हैं, जिसे 45 BC में जूलियस सीजर (Julius Caesar) द्वारा शुरू किया गया था। ऐसे में ये लोग अपने इस खास और बड़े दिन को '7 जनवरी' को ही मनाते हैं। 

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इन देशों में 7 जनवरी को मनाया जाता है क्रिसमस डे

आज के समय में ईसाई लोग सबसे ज्यादा रूस में हैं। ऐसे में करीब 85 प्रतिशत लोग क्रिसमस के पावन दिन को दिसंबर की जगह '7 जनवरी' को मनाया शुभ समझते हैं। इसके अलावा इजरायल, रूस, इथियोपिया, जियोर्जिया, यूक्रेन, इजिप्ट, सर्बिया, बेलारूस, मोंटेनेग्रो, कजाखस्तान, मैकेडोनिया, बुल्गारिया आदि देशों में भी इसे जनवरी में ही सेलिब्रेट किया जाता है। मगर ग्रीस, रोमानिया ने ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक ही इसे सन 1923 से 25 दिसंबर को मनाना शुरू कर दिया था। 

इटली में मनाते हैं 'द फीस्ट ऑफ एपिफेनी'

इसके अलावा इटली देश में क्रिसमस को '6 जनवरी' के दिन सेलिब्रेट किया जाता है। आपको जानकर थोड़ा अलग लगेगा कि इस देश में इस दिन को सिर्फ अलग तारीख ही नहीं बल्कि किसी ओर नाम से भी इसे मनाया जाता है। इटली में क्रिसमस डे 'द फीस्ट ऑफ एपिफेनी' के नाम से सेलिब्रेट होता है। इस पर उन लोगों का मानना है कि ईसामसीह के जन्म के 12 वें दिन यानि 6 जनवरी को उन्हें 3 लोगों ने उन्हें आशीर्वाद दिया था। ऐसे में वे इसे इसी शुभ दिन को मनाया सही समझते हैं। 

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सेंटा क्लॉज नहीं बेनाफा बांटती है बच्चों को गिफ्ट

वैसे तो क्रिसमस डे से मान्यता जुड़ी है कि रात के समय सांता क्लॉज आकर बच्चों में गिफ्ट्स बांटते हैं। मगर इटली देश में सांता नहीं बल्कि इसका फीमेल वर्जन जिसे बेनाफा का नाम दिया गया है। वह झाड़ू पर बैठकर आती है और बच्चों को सुंदर व उनके मनपसंद तोहफों से खुश करती है। माना जाता है कि ईसामसीह के जन्म के समय उन तीन लोगों ने बेनाफा को साथ चलने को कहा था। मगर उस दौरान उन्होंने इस बात से इंकार कर दिया था। मगर बाद में इससे पछतावा होने से बेनाफा इटली में मनाएं जाने वाले 'द फीस्ट ऑफ एपिफेनी' के दिन सेंटा की तरह बच्चों को उपहार देना शुरू कर दिया था। 

 

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