नारी डेस्क : लोरी बच्चों को सुलाने का एक बेहतरीन तरीका है। पुराने जमाने से बड़े बुजुर्ग लोरी सुनाने की प्रक्रिया पर भरोसा करते आ रहे हैं। कहा जाता है कि इससे रोता हुआ बच्चा शांत हो जाता है और जल्दी सो भी जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि लोरी सुनने से बच्चों का बेहतर विकास होता है। जी हां, एक्ट्रेस देबीना बैनर्जी ने भी कुछ समय पहले एक वीडियो शेयर किया था जिसमें वो अपनी बेटी को मातृभाषा में यानी बंगाली में लोरी गाकर सुना रही थीं। जिससे लोग एक्ट्रेस की खूब तारीफ कर रहे हैं। तो चलिए आपको बच्चे को लोरी गाकर सुनने के फायदे...
ब्रेन डेवलपमेंट
मेडिकल जगत में म्यूजिकल लर्निंग को बच्चों के ब्रेन डेवलपमेंट में मददगार माना जाता है। बच्चे के दिमाग के विकास के लिहाज से भी लोरी सुनना बेहतर जाता है। कुछ स्टडीज में पाया गया है कि लोरी सुनने से बच्चे के दिमाग के विभिन्न हिस्से उत्तेजित हो जाता हैं और इस तरह बच्चों के ब्रेन का विकास अच्छा होता है।
बच्चों के मन से डर होता है दूर
छोटे बच्चे कमजोर दिल के होते हैं और बहुत जल्दी असुरक्षा और डर महसूस करते हैं। वहीं लोरी उन्हें सुकून देती है। इससे मन का डर दूर हो जाता है। छोटे बच्चों का बौद्धिक और भावनात्मक विकास भी इससे तेजी से होता है। लोरी सुनते समय बच्चों को मां की समीपता और सुरक्षा का अनुभव करते हैं। इसी तरह बच्चों के मन से डर दूर होता है और वे खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं।
मजबूत होता है बच्चे के साथ बॉन्ड
मां और बच्चे का रिश्ता लोरी के माध्यम से और भी ज्यादा गहरा हो जाता है। लोरी सुनने से बच्चों को आराम मिलता है और वो इसे हमेशा याद रखते हैं। ये उनकी जिंदगी में सुख, आराम और खुशी बढ़ सकती है। ये ही नहीं लोरी गाने और सुनने से मां और बच्चे के बीच की बॉन्डिंग भी बेहतर होती है और बच्चा मां से ज्यादा जुड़ाव महसूस करता है।