कोरोना महामारी से जूझते हुए डेढ़ साल हो चुके हैं लेकिन अभी भी इसका खतरा मंडरा रहा हैं। वहीं, वैज्ञानिक आए दिन ही कोरोना वायरस को लेकर नए-नए खुलासे करते रहते हैं। हाल ही में एक रिसर्च में सामने आया है कि कोरोना से रिकवरी करने वाले लोगों के शरीर में खास एंटीबॉडी बनती हैं जो व्यक्ति को बीमारियों से बचाती है। चलिए आपको बताते हैं कि कोरोना से बनने वाली एंटीबॉडी आपको कब तक सुरक्षित रखती है और यह इतनी जरूरी क्यों है...
कितने महीने सुरक्षित रखती हैं एंटीबॉडीज
रिसर्च की मानें तो कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है, जो उन्हें कई खतरों से बचाती है। इटली, यूनवर्सिटी ऑफ पाडुआ व ब्रिटेन में इंपीरियल कॉलेज लंदन के रिसर्चर्स ने साल 2020 के फरवरी व मार्च में इटली के 3000 निवासियों में से 85% आंकड़ों का विश्लेषण किया। साल 2020 मई और नवंबर महीने में इन लोगों की दोबारा जांच की गई। इसमें सामने आया कि एंटीबॉडी का स्तर करीब 9 महीने तक बना रहता है।
बिना लक्षण वाले मामलों में भी सामान स्तर
अध्ययन में कहा गया कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि व्यक्ति में कोरोना का कोई लक्षण था या नहीं। संक्रमित 98.8% गंभीर या बिना लक्षण वाले मामलों में एंटीबॉडी का स्तर सामान था। अध्ययन में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला, जिसमें लक्षण या बिना लक्षण वाले लोगों की एंटीबॉडी का स्तर अलग-अलग रहा हो।
एंटीबॉडी बढ़ने पर दोबारा संक्रमित होने के संकेत
बेशक एंटीबॉडी का स्तर लक्षण बीमारी की गंभीरता पर निर्भर नहीं करता लेकिन कुछ लोगों की एंटीबॉडी का स्तर अलग-अलग थी। दरअसल, शोधकर्ताओं के मुताबिक, जो लोगो दोबारा कोरोना संक्रमित हुए थे उनमें एंटीबॉडी का स्तर ज्यादा था। जांच से पता चला कि शहर की 3.5% आबादी दोबारा संक्रमित हुई।
परिवार में संक्रमण को लेकर भी दावा
बहुत से लोगों में कोरोना के लक्षण ना के बराबर थे इसलिए उन्हें यह नहीं पता कि वो संक्रमित थे। शोधकर्ताओं ने परिवार में संक्रमण का भी विश्लेषण किया गया। उन्होंने पाया कि 4 में से 1 मामले में किसी परिवार के अधिक सदस्य संक्रमित थे।