पंजाब केसरी (पेरेटिंग)- बच्चे घर को रौनक होते हैं। इन मासूमों के साथ अगर कुछ गलत हो जाए तो मां-बाप कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। आजकल बच्चों के साथ यौन-शोषण के मामले आम सुनने को मिलते हैं। कई बार तोे यह बात ही समझ नहीं आती कि आखिर बच्चा किस जगह पर सुरक्षित है। आज के जमाने में किसी पर यकीन कर पाना भी मुश्किल है। ऐसे मे जरूरी है कि अपने बच्चे को गुड टच और बैड टच के बारे में जानकारी जरूर दें ताकि इन मासूमों को भी पता चले कि उनके साथ जो हो रहा है वह अच्छा है या बुरा।
कहानियों के जरिए करें बात
बच्चे कहानियां बहुत चाव से सुुनते हैं। आप अपनी किसी भी बात को कहानी के जरिए बहुत अच्छी तरह समझा सकते हैं। उनको बताएं कि गुड टच और बैड टच क्या है। कैसे आप इससे बच सकते हैं।
गुड और बैड टच का अंतर
बच्चे किसी अच्छी या बुरी बात के बारे में कुछ नहीं पता होता। मां को गुड और बैड टच के फर्क के बारे में बच्चे से जरूर बात करनी चाहिए।
मां नहीं दोस्त बनें
बच्चों से कोई जरूरी बात करनी है तो पहले उनकी दोस्त बनें। दोस्त बनकर बात करेंगी तो वह आपकी बात ध्यान से सुनेंगे और जल्दी समझ भी जाएंगे।