अगर आप भी अपने लाडले को दूध पिलाने के लिए उसमें Bournvita डालती हैं तो ये खबर आपके लिए है। हाल ही में सरकार ने कुछ ऐसा आदेश दिए हैं कि बॉर्नवीटा कंपनी को झटका लगे। बीते दिन शनिवार को कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री ने सभी ईकॉमर्स कंपनियों को बॉर्नवीटा के लिए ये आदेश जारी किया है।
क्यों लिया गया है फैसला
कहा जा रहा है मंत्रालय द्वार जारी हुए नोटिफिकेशन के अनुसार कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स एक्ट के तहत बनी समिति एनसीपीसीआर (NCPCR) ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है, इसमें जांच के निर्देश देते हुए इस बॉर्नाविटा ड्रिंक को सभी ईकॉमर्स कंपनियों और पोर्टल को वहीं इससे जुड़े प्रॉडक्ट को हटाने के निर्देश दिए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि बॉर्नविटा खाद्य नियमों की शर्तों को पूरा नहीं करता है।
ग्राहक हो सकता है गुमराह
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI)का कहना है कि देश में खाद्य कानूनों में हेल्दी ड्रिंक शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है, जबकि कानून के अनुसार एनर्जी ड्रिंक केवल फ्लेवर्ड बेस्ट ड्रिंक है। इसके अलावा FSSAI का ये भी कहना है गलत शब्दों का इस्तेमाल ग्राहकों को गुमराह कर सकता है। इसलिए वेबसाइटों को एड को हटाने या फिर संशोधन करने के लिए कहा गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की हेड प्रियंक कानूनगो (Priyank Kanoongo ) ने भी वाणिज्य मंत्रालय, एफएसएसएआई और कई राज्य सरकारों को इस बारे में पत्र लिखा था। इस पत्र में उपभोक्ता मामलों के विभाग को पत्र लिखकर कहा गया था कि बॉर्नविटा समेत किसी भी ड्रिंक को हेल्दी ड्रिंक की कैटेगरी के तहत नहीं बेचा जाना चाहिए।
Bournvita के हेल्थ बेनिफिट्स को लेकर उठते रहे हैं सवाल
बता दें, इससे पहले भी Bournvita के फायदों को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठते रहते हैं। दरअसल, Bournvita के 100 ग्राम के पैकेट में 30% चीनी होती है। ये बहुत ज्यादा है और इससे डायबिटीज का खतरा रहता है। वहीं इसमें कोको सॉलिड्स नाम का एक इंग्रेडिएंड है जिससे कैंसर हो सकता है। जब ये फैक्ट्स सोशल मीडिया में सामने आए थे तो तहलका मच गया था। वहीं अब सरकार की तरफ से ऐसे बैन ने इस हेल्थ ड्रिंक वाली कंपनी को शक के दायरे में खड़ा कर दिया है।