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तीसरी बार राजधानी की बागडोर संभालेगी महिला,  आतिशी मार्लेना बनेगी दिल्ली की अगली CM

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 17 Sep, 2024 01:32 PM
तीसरी बार राजधानी की बागडोर संभालेगी महिला,  आतिशी मार्लेना बनेगी दिल्ली की अगली CM

नारी डेस्क: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को पार्टी विधायकों की बैठक में अपने उत्तराधिकारी के तौर पर आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा है। यानी कि आम आदमी पार्टी सरकार में अहम पदों की कमान संभालने वाली आतिशी अब पूरी राजधानी की  बागडोर  संभालेंगी। वह दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी। 

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आतिशी से पहले बीजेपी की ओर से सुषमा स्वराज और कांग्रेस की ओर से शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। सुषमा स्वराज के रूप में दिल्ली को पहली बार साल 1998 में महिला मुख्यमंत्री मिली थी। हालांकि वह  सिर्फ 52 दिन ही मुख्यमंत्री रह पाईं । 1998 में  कांग्रेस ने शीला दीक्षित को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया। वह लगातार 15 साल तक मुख्यमंत्री के पद पर रही। 2013 से लेकर अब तक अरविंद केजरीवाल ही इस पद को संभाल रहे थे।

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दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना आम आदमी पार्टी की सीनियर नेताओं में से एक मानी जाती हैं। उन्होंने दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह दिल्ली सरकार के शिक्षा सुधारों का नेतृत्व करने वाली प्रमुख शख्सियतों में से एक रही हैं। आतिशी का जन्म 8 जून 1981 को दिल्ली में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के स्प्रिंगडेल्स स्कूल से पूरी की।

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 आतिशी ने  दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है, जो देश के सबसे प्रतिष्ठित कॉलेजों में से एक है। इसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से फेलोशिप प्राप्त की और वहां से अपनी उच्च शिक्षा पूरी की। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करना उनकी उत्कृष्ट शैक्षणिक क्षमता को दर्शाता है।

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आतिशी मर्लेना ने आम आदमी पार्टी के शिक्षा सुधार एजेंडे में एक प्रमुख भूमिका निभाई है। उन्होंने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता सुधारने और टीचर ट्रेनिंग  जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में काम किया। वह दिल्ली सरकार की शिक्षा नीतियों के पीछे एक प्रमुख योजनाकार रही हैं और "हैप्पीनेस करिकुलम" तथा "एंटरप्रेन्योरशिप करिकुलम" जैसे नवाचारों को लागू करने में सहायक रही हैं। उनकी शैक्षिक और प्रशासनिक क्षमता ने दिल्ली के शिक्षा मॉडल को देशभर में एक उदाहरण बना दिया है।

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