नारी डेस्कः आपने बहुत सारे लोगों को कहते सुना होगा कि वह सीने में जलन, खट्टे डकार, जिद्दी एसिडिटी के चलते बहुत परेशान हैं। एक बार ये समस्या शुरू हो जाए तो सारा दिन मूड सही नहीं हो पाता, बैचेनी सी महसूस होती रहती है। बता दें कि ये सारे लक्षण एसिडिटी के हैं और जब यह बहुत ज्यादा बढ़ जाती है तो एसिड रिफ्लक्स बन जाती है। अगर एसिड रिफ्लक्स की दिक्कत ज्यादा लंबे से बनी रहे तो इसे नजरअंदाज करना सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह हो सकता है क्योंकि यह अल्सर और एसोफैगाइटिस जैसी गंभीर स्थिति पैदा कर सकती है। चलिए इसके बारे में आपको विस्तार से बताते हैं कि ये समस्या किन्हें क्यों होती हैं और इससे बचा कैसे जा सकता है?
एसिड रिफ्लक्स के लक्षण (Symptoms of Acidity) की बात करें तो
पेट-सीने में जलन और दर्द
निगलने में परेशानी होना
भोजन गले में अटकामहसूस होना या खाने के बाद भारीपन महसूस होना
बार-बार हिचकी आना
खाना खाने के बाद भारीपन
खट्टी डकार
मुंह से बदबू आना या बदबूदार सांस
बेचैनी या जी मचलाना जैसे महसूस होना।
खांसी, स्वर बैठना या गले में खराश और दर्द या गले में गांठ का एहसास
कब्ज रहना या बार-बार लूज मोशन होना।

एसिड रिफ्लक्स (Acid Reflux) है क्या?
एसिड रिफ्लक्स तब होता है जब पेट का एसिड एसोफैगल में बहता है। दरअसल, एसिड रिफ्लक्स एक आम पाचन समस्या है जिसमें पेट का एसिड भोजन नली (फूड पाइप) (ईसोफेगस) में वापस आ जाता है। इससे सीने में जलन (हार्टबर्न) और गले में खट्टा या कड़वा स्वाद महसूस होता है। यदि यह समस्या बार-बार होती है तो इसे गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) कहा जाता है। यदि आपको हफ्ते में दो बार या अधिक बार एसिड रिफ्लक्स का अनुभव होता है, तो यह गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग या जीईआरडी (GERD) की स्थिति हो सकती है।
एसिड रिफ्लक्स क्यों होता है?
एसिड रिफ्लक्स तब होता है जब पेट और भोजन नली के बीच स्थित लोअर एसोफेजियल स्फिंक्टर (LES) ठीक से काम नहीं करता। यह एक मांसपेशी वाल्व होता है जो सामान्यतः भोजन को पेट में जाने के बाद बंद हो जाता है। लेकिन जब यह कमजोर हो जाता है या सही से बंद नहीं होता तो पेट का एसिड वापस ऊपर आ जाता है जिसके बाद एसिडिटी, सीने की जलन, खट्टे-कड़वे डकार, मुंह से बदबू जैसी समस्याएं शुरू हो जाती है।
एसिड रिफ्लक्स की दिक्कत होने के कारण क्या है?
एसिडिटी होने के कई कारण हो सकते हैं जो खान-पान और आपके लाइफस्टाइल से जुड़ी हो सकती हैं।
1. खान-पान से जुड़ी आदतें
ज्यादा खाना खा लेना (ओवरईटिंग)
तला और मसालेदार खाना,
नमकीन भोजन ज्यादा खाना,
चाय-कॉफी का सेवन बहुत ज्यादा,
फैटी फूड्स का सेवन,
चॉकलेट, पुदीना और टमाटर से बने उत्पाद ज्यादा खाना।
2. जीवनशैली और आदतें
लंबे समय तक खाली पेट रहना,
नींद और तनाव के कारण,
शराब और धूम्रपान के अधिक सेवन
फिजिकल एक्टिविटी की कमी,
खाने के तुरंत बाद लेट जाना,
देर रात भोजन करना।
3. शारीरिक और चिकित्सकीय कारण
गर्भावस्था के दौरान एसिडिटी आम हो जाती है।
पेप्टिक अल्सर होने के कारण,
वजन बहुत ज्यादा होना।
हायेटल हर्निया (पेट का ऊपरी हिस्सा डायाफ्राम में खिसक जाना)
कुछ दवाइयों के सेवन से ( पेनकिलर, ब्लड प्रेशर या एंटी डिप्रेशन मेडिसिन)

एसिड रिफ्लक्स से बचाव कैसे करें?
एसिड रिफ्लक्स और एसिडिटी से बचाव आप खान-पान और लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतों में सुधार करके ही कर सकते हैं। चलिए बचाव के कुछ उपाय आपको बताते हैं।
1. खानपान में सुधार करें
हल्का और संतुलित आहार लें।
तला-भुना और ज्यादा मसालेदार भोजन ना खाएं।
ज्यादा एसिडिक खाद्य पदार्थ (साइट्रस फल, टमाटर) कम खाएं। सोडा ड्रिंक्स, टमाटर या प्याज जैसे एसिडिक फूड्स न लें जो एसिडिटी को ट्रिगर कर सकते हैं।
दिन में 2-3 बड़े भोजन की बजाय 4-5 छोटे-छोटे भोजन लें। सही समय पर खाएं और कम खाएं।
2. जीवनशैली में बदलाव करें
खाने के तुरंत बाद न सोएंट, कम से कम 2-3 घंटे तक एक्टिव रहें
वजन को कंट्रोल में रखें।
हल्की फुलकी सैर और व्यायाम करें।
एसिड रिफ्लक्स से बचने के लिए सिर ऊंचा (ऊंचा तकिया) करके सोएं।
3. खराब आदतों को छोड़ें
धूम्रपान और शराब का सेवन बंद करें।
ज्यादा चाय-कॉफी और सोडा न पिएं।
जरूरत से ज्यादा खाना न खाएं।
4. एसिडिटी के घरेलू उपाय
गुनगुना पानी या सौंफ का पानी पीएं। ऐसा खाना खाने के 45 मिनट बाद करें।
एक गिलास ठंडा दूध पीने से जलन में आराम मिलता है।
अदरक या मुलेठी या खाने के बाद इलायची चबाएं या इलायची वाला दूध पीएं।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?
यदि एसिड रिफ्लक्स बार-बार हो रहा है या लक्षण ज्यादा गंभीर हो रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें। कुछ संकेत जो गंभीर स्थिति की ओर इशारा करते हैं जैसे: हफ्ते में 2-3 बार से ज्यादा सीने में जलन हो तो...
कुछ भी निगलने में कठिनाई हो और दर्द बढ़ता जाए
उल्टी में खून आए
वजन अचानक कम होने लगे
सीने में दर्द और सांस लेने में दिक्कत हो।
दवाई और जीवनशैली में सुधार करने के बाद भी कुछ फर्क ना दिखे।
डिस्कलेमरः एसिड रिफ्लक्स को नजरअंदाज किया जाए तो यह अल्सर, एसोफैगाइटिस और Barrett’s Esophagus जैसी गंभीर स्थितियों का कारण बन सकता है। सही खानपान और जीवनशैली से इसे रोका जा सकता है। यदि समस्या लगातार बनी रहे, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।