उम्र चाहे कितनी भी हो अगर मन में कुछ करने की चाह हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं लगता। इसी जज्बे के साथ 96 वर्षीय महिला ने साक्षरता मिशन परीक्षा में 100 में से 98 नंबर प्राप्त किए। केरल की कार्तियनियम्मा कृष्णपिल्ला ने चौथी कक्षा की परीक्षा 98 % अंक प्राप्त कर यह साबित कर दिया है कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती।
परपोतियों के मदद से प्राप्त किए अंक
कार्ति ने बताया कि उन्होंने अपने परपोतियों की मदद से यह कारनामा कर दिखाया। इस परीक्षा को पास करने के बाद खुद Pinarayi Vijayan ने उन्हें शिक्षा पूरी करने का प्रमाण पत्र दिया। एक रिपोर्ट के मुताबिक कार्ति ने राज्य के अक्षरलक्षम प्रॉजेक्ट के तहत आयोजित होने वाली परीक्षा में 100 में से 98 नंबर हासिल किए हैं। यह ऐसा प्रॉजेक्ट है, जिसे राज्य में 100 फीसदी साक्षरता दर हासिल करने के लिए चलाया जा रहा है।
आगे सीखना चाहती हैं अग्रेंजी
कार्ति का कहना है कि वह सिर्फ इतने से रुकने वाली नहीं हैं। इस परीक्षा को पास करने के बाद उन्होंने अंग्रेजी सीखने का मन बना लिया है। उनका कहना है कि 'मेरे परपोते अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ते हैं इसलिए मैं भी अंग्रेजी सीखना चाहती हूं।'
छोटी बेटी से मिली प्ररेणा
कार्ति ने बताया कि उनकी 51 साल की सबसे छोटी बेटी अम्मीनिअम्मा से उन्हें पढ़ने की प्रेरणा मिली। अम्मी की पढ़ाई भी बचपन में छूट गई थी लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हर हाल में दसवीं की परीक्षा दी और अपनी पढ़ाई पूरी की।
इस उम्र में भी नहीं भूलती कोई भी बात
कार्ति की निरीक्षक सती ने उनकी तारीफ करते हुए कहा कि उनकी याददाश्त काफी तेज है और वह कुछ भी नहीं भूलतीं। 97 वर्षीय कार्ति के हौसले की तारीफ करते हुए केंद्रीय टूरिज्म मंत्री के अल्फॉन्स ने कहा, 'कार्ति हमारे समाज में शिक्षा की मशाल थामने वाली महिला हैं। उनसे न जाने कितने लोग प्रभावित होंगे। मैं उनके इस कारनामे की प्रशंसा करता हूं।'
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