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भारत के इस गांव में प्रेग्नेंट होने आती है यूरोप की महिलाएं, जानें इस अजीब चाहत की वजह

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 04 Apr, 2024 02:56 PM
भारत के इस गांव में प्रेग्नेंट होने आती है यूरोप की महिलाएं, जानें इस अजीब चाहत की वजह

भारत के गांव बहुत ही खूबसूरत हैं। प्रकृति के करीब होने के लिए और शुद्ध हवा का मजा लेने के लिए देश क्या विदेश से भी लोग आते हैं। लेकिन एक गांव भारत में ऐसा भी है, जहां पर लोग उसकी खूबसूरती नहीं, बल्कि बच्चे के लिए आते हैं। जी हां, हो गए न हैरान, पर ये बिल्कुल सच है। ये गांव कारगिल से 70 कीमी दूर स्थिति है और इसका नाम आर्यन वैली विलेज है। यहां पर यूरोप से महिलाएं घूमने नहीं बल्कि यहां के मर्दों से खुद को प्रेग्नेंट करवाने आती है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिरकार ऐसा क्या है कि विदेशी महिलाएं यहां पर आने को मजबूर हो जाती हैं? तो इसका जवाब है यहां के रहने वाले ब्रोकपा जनजाति के लोग...जिनके बारे में कहा जाता है कि वो अलेक्जेंडर द ग्रेट की सेना के वशंज है। 

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अलेक्जेंडर द ग्रेट के सैनिकों जैसे बच्चों की चाह में यूरोप से भारत आती हैं महिलाएं

दरअसल, अलेक्जेंडर द ग्रेट जब हराने के बाद भारत से जा रहे थे तो उसकी सेना के कुछ लोग भारत में ही रह गए। इसके बाद से लेकर आजतक उनके वंशज इसी गांव में रहे हैं। जब यूरोप की महिलाओं को अलेक्जेंडर द ग्रेट के सैनिकों जैसे ही बच्चा की चाह होती तो वो इस गांव में आ जाती है। यहां पर रहने वाले पुरुषों से वो इस उम्मीद में संबंध बनाती है ताकि उनके बच्चे भी सैनिकों की तरह लंबे, नीली आंखों वाले और मजबूत शरीर वाले हों। 

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पैसे देकर महिलाएं करवाती हैं ये काम

ये काम यहां के पुरुष ऐसे ही नहीं करते हैं। इसके बदले यूरोपियन महिलाएं उन्हें पैसे देती हैं और काम पूरा होने के बाद वो अपने देश वापस चली जाती हैं। ये काम यहां पर काफी लंबे समय से चल रहा है और अब तो ये एक बिजनेस की तरह हो गया है। विदेशी महिलाएं सैनिकों जैसे बच्चों की चाहत में ही यहां आती है।

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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कुदरत ने इन पुरुषों को सच में बेपनाह खूबसूरत बख्शी है और यहां पर 2 हजार से भी ज्यादा शुद्ध आर्यन आज भी जिंदा है। इन लोगों की संस्कृति हम लोगों से बिल्कुल अलग है। ये लोग कलरपुल कपड़े पहनते हैं और ब्रेक्सकाड भाषा बोलते हैं। इन्हें हिन्दी भी आती है। बता दें आर्यन समाज वाले लोग देवी- देवताओं की जगह आग की पूजा करते हैं। उनके यहां बलि देने की भी प्रथा है। वे गाय से ज्यादा बकरी को पवित्र मानते हैं।

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