आपने दुनियाभर के बहुत से मंदिरों में अलग-अलग तरीके से भगवान की पूजा के बारे में सुना होगा। आज हम आपको झांसी के कैमासन मंदिर के बारे में बताने जा रहें जहां पर उन दो बहनों की पूजा की जाती है जिन्होंने सुसाइड कर लिया था। आइए जानते है इन बहनों से जुड़ी इस मंदिर की कहानी।
-झांसी में बना यह मंदिर 17वीं शताब्दी से स्तापित किया गया है। अस समय यहां पर रहने वाली कैमासन और मैमासन नाम की 2 बहनों के चर्चे दूर-दूर तक थे।
-मुगल शासक का एक सिपहसालार दोनों बहनों की खुबसूरती देखने के लिए पहुंचा लेकिन दोनों बहनों को पहले ही उसके इरादों का पता चल गया वो कहीं जाकर छिप गई।
-बचने की उम्मीद न होने के कारण दोनों ने झांसी के अलग-अलग पहाड़ो पर जाकर अपनी जान दे दी। इसके बाद इन पहाड़ो को दोनों बहनों के नाम से जाना जाने लगा।
-इन दोनों पहनों की याद में मुगल शासक ने दोनों की मूर्ती स्थापित की। शहर की सबसे ऊंची चोटी पर बने ये दोनों टैम्पल प्राचिन मंदिरों में से एक है।
-कैमासन मदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि इसकी सीढ़ियां चढ़ने वाले दंपती अगर यहां पर नारियल की गांठ बांधें को उन्हें संतान की प्राप्ति होती है।
-धने जंगलों में होने के कारण मैमासन मंदिर की देख रेख की सारी जिम्मेदारी इंडियन आर्मी के पास है। लक्ष्मीबाई से लेकर कई राजा-महाराजा इस मंदिर के दर्शन करने के लिए आया करते थे।