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World Autism Day: मां की 1 गलती बच्चे को बना सकती है Abnormal, बरतें सावधानी

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 02 Apr, 2019 07:51 PM
World Autism Day: मां की 1 गलती बच्चे को बना सकती है Abnormal, बरतें सावधानी

आज दुनियाभर में 'वर्ल्ड ऑटिज्म डे' मनाया जा रहा है, जिसका मकसद लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है। यह एक ऐसा न्‍यूरोलॉजिकल रोग है, जिसमें दिमाग के अलग-अलग हिस्से एक साथ काम नहीं करते लेकिन क्या आप जानती हैं प्रेग्नेंसी के दौरान आपके द्वारा की गई कुछ गलतियां ही बच्चे में इस बीमारी का कारण बनती है। जी हां, प्रेग्नेंसी के दौरान सेहत को लेकर की गई अनदेखी ही बच्चे को ऑटिज्म का शिकार बना देती है।

 

क्‍या है ऑटिज्‍म?

ऑटिज्म एक दिमागी विकार है, जिसमें बच्चे को बोलने, समझने और लोगों से कनेक्ट होने में परेशानी होती है। हर बच्चे में इस बीमारी के लक्षण भी अलग-अलग होते हैं। कुछ बच्चों को इसमें समझने में परेशानी होती है तो कुछ बोलने में भी असमर्थ होते हैं। यह डिस्ऑर्डर ठीक तो नहीं होता लेकिन बच्चों की स्पेशल केयर करके इस बीमारी को कंट्रोल जरूर किया जा सकता है।

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बच्चों को क्यों होती है यह बीमारी
गलत डाइट

गर्भावस्था के दौरान खानपान सही न होने की वजह से भी बच्चे को ऑटिज्म का खतरा हो सकता है। जी हां, प्रेग्नेंसी के दौरान ली गई गलत डाइट के कारण महिलाओं में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जो बच्चे को इस बीमारी का शिकार बना सकती है।

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तनाव लेना

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं छोटी-छोटी बात की टेंशन ले लेती हैं, जिसका असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है और वह ऑटिज्म की चपेट में आ जाते हैं। बच्चे को हैल्दी रखने के लिए बहुत जरूरी है कि आप प्रेग्नेंसी पीरियड में स्ट्रैस फ्री रहें।

प्रेग्नेंसी में थायराइड

अगर प्रेग्नेंसी के दौरान महिला को थायराइड की बीमारी हो तो भी बच्चे इस गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। अगर आपको थायराइड है भी तो डॉक्टर से सलाह लेकर अपनी डाइट का ख्याल रखें और बीमारी को कंट्रोल करें।

PCOS भी है कारण

एक स्टडी में बताया गया है कि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) से पीड़ित महिलाओं के पैदा होने वाले बच्चों में ऑटिज्म विकसित होने की अधिक आशंका रहती है। ऐसे में महिलाओं को अपनी डाइट पर ध्यान देना चाहिए।

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जनेटिक

वैज्ञानिकों का कहना है कि ऑटिज्म की बीमारी जींस के कारण भी हो सकती है। वहीं कुछ वैज्ञानिक बिगड़ते पर्यावरण और गलत लाइफस्टाइल को इस बीमारी का कारण मानते हैं।

समय से पहले बच्चे का जन्म

26 हफ्ते से पहले पैदा होने वाले बच्‍चों को भी ऑटिज्‍म होने का खतरा रहता है। इसके अलावा वायरस, जन्म के समय ऑक्सीजन की कमी भी ऑटिज्म को जन्म दे सकती है।

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आटिज्‍म से बचाव

आटिज्म होने से रोका नहीं जा सकता है लेकिन आप अपने लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके इसे कम करने की कोशिश कर सकते हैं।

-प्रेग्नेंसी के दौरान समय-समय पर जांच करवाती रहें और किसी प्रकार की टेंशन ना लें।
-प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन्स व अन्य पोषक तत्वों से भरपूर भोजन लें।
-व्यायाम, योग और हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जरूर करें।
-गर्भावस्था के दौरान अन्य दवाएं ना लें क्योंकि इससे बच्चे को नुकसान हो सकता है।
-शराब, सिगरेट, धूम्रपान से दूर रहें।
-अगर आपको कोई सीलिएक (Celiac) या पीकेयू (Phenylketonuria) रोग है तो डॉक्टर से सलाग लें।
-गर्भवती होने से पहले जर्मन खसरा (German Measles) या रुबेला (Rubella) का टीका जरूर लगवाएं क्योंकि यह आटिज्म को रोक सकता है।

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