रोजाना योगाभ्यास करने से शारीरिक व मानसिक विकास होता है। एक्सपर्ट अनुसार इसके जरिए कई शारीरिक समस्याएं दूर होती है। खासतौर पर महिलाओं के लिए ये काफी फायदेमंद माना जाता है। वहीं ऐसी कई महिलाएं है जिन्हें प्रेगनेंट होने के लिए कई समस्याएं झेलनी पड़ती है। मगर हेल्थ एक्सपर्ट अनुसार आप कुछ योगा का सहारा लेकर अपने गर्भाशय को हेल्दी रख सकती है। ऐसे में आज हम आपको 3 ऐसे असरदार योग के बारे में बताते हैं, जिसकी मदद से आपको प्रेगनेंसी में आ रही समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।
तितली मुद्रा
तितली मुद्रा महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। इससे उनकी प्रजनन शक्ति बढ़ती है। रोजाना इस योग को करने से पेट की मसल्स, गर्भाशय और ओवरीज हेल्दी रहते हैं। इससे गर्भाशय में ब्लड सर्कुलेशन तेजी से होता है। इसके साथ ही मसल्स में खींचाव आता है।
ऐसे करें तितली मुद्रा
. इसके लिए जमीन पर मैट बिछाकर सामने की तरफ पैरों को फैलाकर बैठ जाएं।
. सांस छोड़ते हुए घुटनों को मोड़ें और अपनी एड़ियों को पेल्विक तक ले आएं।
. पैरों के दोनों तलवों को एक-दूसरे से छूते हुए दबाएं।
. पैरों को एंगल पोज में रखकर उंगलियों को हाथों से पकड़ लें।
. अब पैरों को तितली की तरह ऊपर व नीचे करें।
. 5 मिनट या अपने सामर्थ्य अनुसार इस आसन को करके सामान्य मुद्रा में आ जाए।
पश्चिमोत्तानासन
इस योग को करने से गर्भाशय और ओवरियन मसल्स फैलता है। इससे पीरियड्स में दर्द, ऐंठन आदि की समस्याओं से आराम मिलता है। इसके साथ प्रजनन स्वास्थ्य के लिए आसान लेकिन प्रभावी योगासन है। मगर इसे करने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि आपका पेट खाली हो। ऐसे में आप इसे सुबह खाली पेट कर सकती है।
ऐसे करें पश्चिमोत्तानासन
. सबसे पहले खुली जगह पर मैट बिछाकर बैठ जाएं।
. अब पैरों को सामने की ओर फैलाकर गहरी सांस लें।
. उसके बाद धीरे-धीरे शरीर को आगे की ओर झुकाना शुरु करें।
. अपने चेहरे को जांघों के पास लेकर आए।
. बाहों को फैलाते हुए पैरों की उंगलियों को छुएं।
. कुछ सेकेंड तक इस अवस्था में रहिए।
. फिर धीरे-धीरे गहरी सांस छोड़ते हुए सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
उत्कट कोणासन
इस योग को करने से पूरी बॉडी स्ट्रेच होगी। इससे शरीर में लचीलापन बढ़ेगा और पेट, घुटनों व पैरों में मजबूती आएगी। इसके साथ पेल्विक फ्लोर भी उत्तेजित होगा।
ऐसे करें उत्कट कोणासन
. सबसे पहले मैट बिछाकर सीधे खड़े हो जाएं।
. दोनों पैरो को थोड़ी दूरी पर रखें।
. लचीलेपन के मुताबिक पैरों की उंगलियों को बाहर की तरफ 45 से 90 डिग्री तक मोड़ लें।
. गहरी व लंबी सांस लेते हुए रीढ़ की हड्डी को ऊपर की ओर खींचें यानि स्ट्रेच करें।
. अब सांस छोड़ते व घुटनों को मोड़ते हुए कुल्हों को स्क्वाट में नीचे की ओर लाएं यानि कुर्सी की मुद्रा में बैठ जाए।
. उसके बाद दोनों हाथों को जोड़ लें या ऊपर की ओर कर लें।
. कुछ सेकेंड इसी अवस्था में रहिए। इस दौरान सांस रोक कर रखें।
. बाद में गहरी सांस लेकर सामान्य अवस्था में आ जाएं।
. इस योगासन को 3-5 बार दोहराएं।