विसडम टूथ को ही अक्ल दाढ़ कहा जाता है। यह दाढ़ 17 से 25 वर्ष की उम्र में निकलती है। एक स्टडी के अनुसार, पता चला है कि अक्ल दाढ़ हर किसी में नहीं आती करीब 53 प्रतिशत लोगों में ही अक्ल दाढ़ आती है। एक्सरपर्टस के मुताबिक इसका अक्ल आने से कोई कनेक्शन नहीं होता। इसके निकलने पर दांतों में असहनीय दर्द होता है। यह मुंह के ठीक पीछे निकलने वाली एक दाढ़ है, जिसे तीसरी दाढ़ भी कहते है। यह अगर सही दिशा में न निकले, तो दांतों में तेज दर्द होता है। पेरियोडोंटिस्ट डॉ.पर्ल भारद्वाज के अनुसार,यह दाढ़ मसूड़ों को फोड़कर बाहर निकलती है। कई बार पर्याप्त जगह न होने पर यह आसपास के दांतों को धक्का देती है। तो चलिए, आपको इसके लक्षण और उपचार के बारे में बताते है।
अक्ल दाढ़ के लक्षण
- मसूड़ों में सूजन
- मसूड़ों से खून बहना
- सांसों में बदबू आना
- जबड़ों के आसपास सूजन आना
- मुंह खोलने में कठिनाई होना
अक्ल दाढ़ के आने पर क्यों होता है दर्द?
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, जैसे-जैसे मानव का मस्तिष्क बड़ा होता गया। इंसानों के जबड़े समय के साथ छोटे होते गए है। इसी वजह से विसडम टीथ जब आते हैं तो दर्द होता है। क्योंकि जबड़ों के साइज छोटे होने के कारण ये ठीक तरह से फिट नहीं हो पाते हैं।
इंफेक्शन पैदा कर सकती है अक्ल दाढ़
अक्ल दाढ़ को साफ करना कठिन होता है। भोजन और बैक्टीरिया दांतों और मसूड़ों के बीच फंस सकता है। बैक्टीरिया बढ़कर इनेमल लेयर में छेद कर देते हैं। जिस कारण संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा होता है। दुर्लभ मामलों में संक्रमण मुंह और सिर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है।
अक्ल दाढ़ का इलाज
अगर अक्ल दाढ़ से आपको बहुत तकलीफ हो रही है तो इलाज के लिए डेंटिस्ट से जांच करवाए। वह उस जगह का एक्सरे करवा करवाएगा जिस से यह जानने में मदद मिलेगी की किस तरह का इलाज सबसे अच्छा है।
दवाएं- अक्ल दाढ़ में संक्रमण को दूर करने के लिए डॉक्टर आपको एमसॉक्सिलिन, मेट्रोनाइडेजॉल जैसी एंटीबायेाटिक दे सकता है। इसे आपको दाढ़ रिपेयर करने से एक सप्ताह पहले लेना होता है। यह दवा दाढ़ को ठीक करने और बैक्टीरिया को फैलने से रोकने में मदद करती है।
सर्जरी- अगर दाढ़ डैमेज हो गई हो तो उसे पूरी तरह से निकालना पड़ता है। एक प्रभावित संक्रमित अक्ल दाढ़ के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। अक्ल दाढ़ को खींचना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए इस जगह में इंजेक्शन लगाकर इसे सुन्न किया जाता है। इस प्रक्रिया में 20 मिनट या इससे ज्यादा समय भी लग सकता है। सर्जरी के बाद खून बहने, ठुड्डी में सुन्नता आने और जबड़े के कमजोर होने जैसे साइड इफेक्ट देखने को मिलते हैं।
रिपेयर- संक्रमण के साफ हो जाने के बाद दाढ़ को हटाने के बाद दाढ़ की दोबारा जांच होती है। डॉक्टर दांत के किनारे को भी फाइल कर भोजन और बैक्टीरिया फंसाने वाले खुरदुरे या उबड़ खाबड़ किनारों को हटा देता है ।
अक्ल दाढ़ निकलवाने का तरीका
कुछ गंभीर मामलों में डॉक्टर अक्ल दाढ़ निकलवाने के लिए कहते है अक्सर लोग इस बात से घबरा जाते है लेकिन अगर आप कुछ नियमों का पालन करेंगे, तो दिक्कत नहीं होगी। जिसने दाढ़ निकलवाई है उस व्यक्ति को 24 घंटे तक फॉलो करने चाहिए।
- दाढ़ निकलवाने के बाद उस जगह को कम से कम एक घंटे तक दबा कर रखें, इससे ब्लीडिंग नहीं होगी।
- दाढ़ निकलने के 24 घंटे तक ब्रश, कुल्ला, गरारे नहीं करने चाहिए न ही थूकना चाहिए।
- दाढ़ निकलवाने के सख्त या गरम चीजें बिल्कुल नहीं खानी चाहिए। केवल ठंडी और नर्म चीजें ही खाएं। ठंडी चीज में भी गैस वाले पेय पीने से बचें। किसी भी ठंडी चीज को पीने के लिए स्ट्रॉ का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- अगर आप चाय या कॉफी पीना चाहते हैं, तो पी सकते हैं लेकिन ठंडा करके।
- दाढ़ वाली जगह की बाहर से बर्फ से सिकाई करें।
- 24 घंटे के बाद नमक युक्त गर्म पानी से कुल्ला करें।