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पंजाबी दुल्हनें क्यों पहनती है हाथ में चूड़ा और कलीरे? जानिए इसके पीछे की प्रथा

  • Edited By palak,
  • Updated: 28 Jun, 2022 05:02 PM
पंजाबी दुल्हनें क्यों पहनती है हाथ में चूड़ा और कलीरे? जानिए इसके पीछे की प्रथा

 शादी बिना चुड़े और कलीरे की अधूरी होती है। सिर्फ पंजाबी दुल्हनें ही नहीं बल्कि लगभग कई और भी धर्मों की ब्राइडल्स हाथों में चूड़ा पहनने लग गई हैं। खासकर बॉलीवुड फिल्मों ने इस रिवाज को ऐसे शामिल किया है। कई टीवी एक्ट्रेस और बॉलीवुड हीरोइनों ने अपनी शादी में चूड़ा पहना था अनु्ष्का शर्मा, प्रियंका चोपड़ा, सोनम कपूर, दीपिका पादुकोण जैसी एक्ट्रेस को हाथों में चूड़ा पहना देख कई लड़कियों की ख्वाहिश होती है कि वह भी अपने हाथों में चूड़ा पहनें। लेकिन बहुत सी लड़कियों को यह मालूम नहीं होती कि आखिर क्यों शादी में चूड़ा और कलीरे पहने जाते हैं? तो चलिए आपको बताते हैं कि चूड़ा और कलीरे क्यों पहने जाते हैं। 

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दुल्हन का खास श्रृंगाार है चूड़ा और चूड़ियां 

शादी के समय में होने वाली दुल्हने के लिए चूड़े और चूड़ियों का खास महत्व होता है। लाल और हरी चूड़ियां दुल्हन के लिए शुभ मानी जाती है।  मेंहदी वाले हाथों में जब दुल्हन चूड़ा और कलीरे पहनती है तो हाथों की सुदंरता कई गुणा और भी बढ़ जाती है। नई नवेली दुल्हन की पहचान भी चूड़े के जरिए ही की जाती है। शादी के जोड़े के अलावा पार्टी गाउन, साड़ी या फिर आम कपड़ों में भी दुल्हन को हाथों की सुंदरता पर चार चांद लग जाते हैं। इंडो वेस्टर्न से लेकर पार्टी वियर हर किसी तरह की ड्रेस के साथ चूड़ा बहुत ही अच्छा लगता है। 

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पंजाबी दुल्हनें क्यों पहनती हैं चूड़ा?

खासकर पंजाबी शादियों में चूड़ा पहनने का बहुत ही महत्व होता है। पंजाबियों में चूड़ा और कलीरे पहनने की एक खास रस्म होती है। इस रस्म में दुल्हन के मामा उसके लिए चूड़ा लेकर आते हैं, जिसमें लाल और सफेद रंग की 21 चूड़ियां होती हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दुल्हन इस चूड़े को तब तक नहीं देखती जबतक वह पूरी तरह से तैयार न हो जाए और शादी वाले मंडप पर दुल्हे के साथ न बैठ जाए ।  

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ऐसे पहनाया जाता है दुल्हन को चूड़ा 

पंजाबी रीति-रिवाजों में चूड़ा पहनने की रस्म भी बहुत ही दिलचस्प और अच्छी होती है। चूड़ा पहनने से पहले दुल्हन का चूड़ा शादी से एक रात पहले दूध में भिगोकर रखा जाता है और फिर शादी वाले दिनद दुल्हन के मामा जी मंडप में दुल्हन को चूड़ा देते हैं। चूड़ा पहनते समय दुल्हन की मां उसकी आंखें बंद कर देती है ताकि दुल्हन चूड़ा न देख सके और उसकी खुद की नजर चूड़े को न लगे।  

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चूड़ा पहनने का धार्मिक महत्व 

चूड़ा शादी के समय दुल्हन को पहनाया जाता है। इसलिए चूड़ा लड़की के शादीशुदा होने का प्रतीक होता है। इसे प्रजनन और समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है। इसके अलावा चूड़ा सुहाग का प्रतीक भी होता है और इसे पति की भलाई के लिए पहना जाता है। 

कितने दिन पहनती हैं दुल्हन चूड़ा 

पंजाबी रीति-रिवाजों के अनुसार, दुल्हन लगभग 1 साल तक चूड़ा पहनती है। लेकिन बदलते समय के साथ यह रिवाज भी बदल गया है। आजकल जो लड़किया कामकाजी होती हैं वह सिर्फ 40 दिनों तक ही चूड़ा पहनती हैं। 

चूड़ा उतारने की भी होती है रस्म 

चूड़ा उतारने की रस्म भी समय के साथ बदलती ही जा रही है। लेकिन अगर बात पहले की करें तो चूड़ा उतारने की भी रस्म होती थी। इसके लिए घर में छोटा सा क्रार्यक्रम आयोजित किया जाता था, जिसमें दुल्हन को शगुन और मिठाई भी दी जाती है, चूड़ा उतारने के बाद उसे कांच की चूड़ियां पहना दी जाती हैं। पुराने समय में चूड़ा उतारने के लिए नदी के किनारे पर रस्म की जाती थी जिसमें दुल्हन नदी के पास ही चूड़ा उतारती थी और पूजा के बाद चूड़े को नदी में बहा देती थी। परंतु समय के साथ यह रस्म भी बदल गई है। अब दुल्हनें अपनी सुख-सुविधा के अनुसार, चूड़ा उतारने की रस्म निभाती हैं। 

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पंजाबी दुल्हनें क्यों पहनती हैं कलीरे?

पंजाबी दुल्हने हाथों में चूड़े के अलावा कलीरे भी पहनती हैं। कलीर पहनने की भी रस्म होती है तो चूड़ा पहनने की रस्म के बाद होती है। जब दुल्हन हाथों में कलीरे पहन लेती है कलीरों को अपनी अविवाहित सहेलियों पर झटकाती है। ऐसा माना जाता है कि जिस लड़की पर दुल्हन का कलीरा गिरता है उसकी शादी बहुत ही जल्दी हो जाती है। रस्म के साथ-साथ चूड़े और कलीरे के डिजाइन्स भी बहुत ही अच्छे होते हैं। यह रिवाज इस कदर बढ़ गया है कि मार्केट में भी इनका चलन खूब फल रहा है। 

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