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ये फूड्स बढ़ा देंगे दिल की बीमारियों का जोखिम, WHO ने जारी किया अलर्ट!

  • Edited By palak,
  • Updated: 25 Jan, 2023 05:47 PM
ये फूड्स बढ़ा देंगे दिल की बीमारियों का जोखिम, WHO ने जारी किया अलर्ट!

बदलते लाइफस्टाइल के कारण अटैक जैसी खतरनाक बीमारी का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। एक्सपर्ट्स के अनुसार ज्यादा मसालेदार, तली हुई चीजें और फास्ट फूड खाने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने लगता है। जिससे हार्ट स्ट्रोक, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर का खतरा भी बढ़ने लगता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया के 5 अरब लोग ट्रांस फैट्स का सेवन कर रहे हैं, जिसके कारण दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। रिपोर्ट्स की मानें तो साल 2018 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फैक्ट्रियों में बनने वाले फैटी एसिड को 2023 तक खत्म करने की अपील की थी, क्योंकि फैटी एसिड के कारण पिछले कुछ सालों में करीब 5 लाख लोगों की मौत हुई है। 

ट्रांस फैट बन रहा है दिल की बीमारियों का खतरा 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इंटरनेशनल हेल्थ एजेंसी का कहना है कि 40 से ज्यादा देशों ने ट्रांस फैट खत्म करने के लिए शानदार नीति लागू की है। परंतु अभी भी दुनिया में करीबन 5 अरब से ज्यादा लोग इस खतरनाक फूड का सेवन कर रहे हैं। इसके अलावा कई देशों ने अभी भी ट्रांस फैस को लेकर कोई नीति नहीं बनाई है।

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किस टाइप का होता है ट्रांस फैट? 

ट्रांस फैट एक तरह का अनसैचुरेटेड फैटी एसिड होता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, इसका सेवन करने से शरीर का बहुत ही नुकसान होता है। जब इस फूड का प्रयोग फैक्ट्रियों में तैयार किए जाने वाली फूड आइटम में किया जाता है तो यह एक धीमा जहर बन जाता है। वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार, वनस्पति तेल में बहुत ही खतरनाक तरह का ट्रांस फैट मौजूद होता है। इसके अलावा पैक्ड फूड चिप्स, कुकीज, केक और कई तरह के खाद्य पदार्थों में भी ट्रांस फैट पाया जाता है। ट्रांस फैट वाला तेल हार्ट की आर्टरी को भी ब्लॉक कर सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, ट्रांस फैट एक ऐसा जहरीला कैमिकल है जिसे खाने से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। 

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डब्ल्यूएचओ ने की अपील

प्रोडक्ट की शैल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए ट्रांस फैट का प्रयोग किया जाता है। वहीं डब्ल्यूएचओ के अनुसार, ट्रांस फैट के कारण दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है। हाई रिस्क वाले अभी भी 16 में से 9 देश ऐसे हैं जिन्होंने ट्रांस फैट को लेकर कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया है। ऐसे में डब्लयूएचओ ने ऐसे देशों से फौरन कार्रवाई करने की अपील की है। 

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