हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है। यह तिथि भगवान विष्णु को समर्पित मानी जाती है। इस दिन श्रीहरि की पूजा व एकादशी व्रत रखने से शुभफल की प्राप्ति होती है। ज्योतिषशास्त्र अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि विजया एकादशी कहलाती है। मान्यताओं अनुसार, रावण से युद्ध करने से पहले स्वयं प्रभु श्रीराम और उनकी सेना से विजया एकादशी का व्रत रखा रखा था और जीत हासिल की थी। इस बार यह शुभ तिथि 26 फरवरी सुबह 10:39 मिनट से शुरु होकर 27 फरवरी सुबह 08:12 मिनट तक रहेगी। ऐसे में इस बार यह व्रत 2 दिन रखा जाएगा। इस शुभ दिन पर कुछ विशेष उपाय करने से घर में सुख-समृद्धि व शांति का वास होता है। चलिए जानते हैं इसके बारे में...
मनोकामना की पूर्ति के लिए
अगर आपकी कोई मनोकामना है तो इस दिन सुबह नहाकर साफ कपड़े पहनें। उसके बाद सूर्य देव को गंगाजल चढ़ाएं। इसके बाद प्रभु श्रीराम की पूजा करके उन्हें 11 केले, लड्डू, 11 लाल फूल, 11 चंदन की अगरबत्ती और 11 दीपक जला दें। इसके बाद 11-11 खजूर और बादाम का भोग लगाकर ‘ॐ सिया पतिये राम रामाय नमः’ मंत्र का जप करें। मान्यता है कि इससे मनचाहा फल मिलता है।
नौकरी के लिए
नौकरी की तलाश कर रहे लोग एकादशी तिथि में कलश पर आम का पल्लव रखें। भगवान जी के आगे एक दीया जलाकर 11 लाल फूल, 11 फल और मिठाई चढ़ाएं। इसके बाद भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करके ‘ॐ नारायणाय लक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का जप करें।
संतान प्राप्ति के लिए
धार्मिक मान्यताओं अनुसार संतान सुख की प्राप्ति के लिए दंपत्ति को मिलकर श्रीहरि की पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही चांदी के लौटे में दूध और मिश्री मिलाकर पीपल पेड़ पर चढ़ाएं। मान्यता है कि इससे सुंदर व योग्य संतान की प्राप्ति होती है।
घर में सुख समृद्धि के लिए
श्रीहरि को तुलसी का पौधा अतिप्रिय हैं। ऐसे में आप एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी को तुलसी का पत्ता जरूर चढ़ाएं। इसे नारायण जी को चढ़ाकर घर की सुख-समृद्धि की कामना करें। इसके साथ ही भगवान विष्णु जी की पूजा में पंचामृत का प्रसाद जरूर अर्पित करें।