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सरसों का साग  कभी नहीं बनेगा कड़वा, जब बनाते समय ध्यान में रखेंगे ये बातें

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 08 Nov, 2024 07:30 PM
सरसों का साग  कभी नहीं बनेगा कड़वा, जब बनाते समय ध्यान में रखेंगे ये बातें

नारी डेस्क: ठंड का मौसम आ रहा है और घर- घर में सरसों का साग बनना शुरू हो गया है। यह खाने में जितना लाजवाब होता है, सेहत के लिए भी उतना ही गुणकारी माना गया है। सरसों का साग बनाते समय अगर कुछ आसान टिप्स अपनाए जाएं तो साग का स्वाद बढ़ जाता है और कड़वाहट भी दूर होती है। यहां कुछ खास तरीके बताए गए हैं जिनसे आपका सरसों का साग कभी भी कड़वा नहीं लगेगा:

 

साग के पत्तों का सही चयन करें

सबसे पहले ताजे और हरे पत्तों का चुनाव करें। कड़े और पीले पत्तों से साग में कड़वाहट बढ़ सकती है। सिर्फ सरसों के पत्तों को इस्तेमाल करने की बजाय, इसमें पालक और बथुआ भी मिलाएं। इससे साग का स्वाद हल्का और कड़वाहट कम होती है। आमतौर पर 2 भाग सरसों, 1 भाग पालक, और 1 भाग बथुआ मिलाकर साग तैयार किया जाता है।


साग को उबालते समय डालें नमक

साग को उबालते वक्त थोड़ा नमक डालने से कड़वाहट कम हो जाती है और पत्तों का स्वाद बेहतर हो जाता है। सरसों के साग में मक्खन या देसी घी का तड़का लगाएं। घी का तड़का साग को सुगंधित और स्वादिष्ट बनाता है और साथ ही कड़वाहट भी कम करता है।

 

साग को धीमी आंच पर पकाएं

   साग को धीमी आंच पर पकाने से इसका स्वाद बढ़ता है और यह अच्छी तरह से पकता है। इसे पकाने में थोड़ा समय लें ताकि सभी हरी पत्तियां अच्छे से घुल जाएं और साग का स्वाद बेहतरीन हो जाए।  साग बनाते समय अदरक, लहसुन और हरी मिर्च का पेस्ट मिलाएं। इससे साग का स्वाद और खुशबू अच्छी होती है और कड़वाहट भी कम हो जाती है।

मकई का आटा मिलाएं

 साग पकाने के बाद थोड़ा मकई का आटा मिलाएं। इससे साग की कंसिस्टेंसी गाढ़ी होती है और कड़वाहट में भी कमी आती है। अगर साग में हल्की कड़वाहट रह गई हो, तो उसमें थोड़ी सी नींबू का रस या दही डालें। ये चीजें साग की कड़वाहट को संतुलित करती हैं।

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