पिछले साल महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद उनके बेटे चार्ल्स तृतीया को राजगद्दी मिली थी लेकिन आधिकारिक तौर पर उनकी ताजपोशी कल यानी की 6 मई को की जाएगी। ब्रिटेन के साथ-साथ यह पूरी दुनिया के लिए बहुत ही खास होगा क्योंकि सभी को पता चल पाएगा कि शाही परिवार कैसे अपना राजा चुनता है । कैसे राजा की ताजपोशी की जाती है। यह सारे रीति-रिवाज कोई नए नहीं बल्कि सैकड़ों साल से चले आ रहे हैं जिन्हें आज भी माना जाता है। ऐसे में किंग चार्ल्स की राजपोशी में भी यह रीति-रिवाज फॉलो किए जाएंगे। तो आइए जानते हैं इनके बारे में...
कैसे होती है ताजपोशी की प्रक्रिया?
ब्रिटेन में जब भी किसी किंग या क्वीन की मृत्यु होती है तो सबसे पहले एक्सेशन काउंसिल नाम के परिषदों की सेंट जेम्स महल में एक आपातकाल बैठकर रखी जाती है। इस बैठक में ही आधिकारिक तौर पर नए उत्तराधिकारी को गद्दी सौंपने की घोषणा की जाती है। ऐसा ही क्वीन एलिजाबेथ के निधन के बाद हुआ था। उत्तराधिकारी चुनने के बाद उससे लॉर्ड्स स्पिरिचुअल और टेम्पोरल ऑफ दिस रेल्म के प्रति एक पवित्र शपथ भी दिलवाई जाती है और चर्च ऑफ स्कॉटलैंड के संरक्षण का वादा किया जाता है।
इस चर्च में होगी किंग की ताजपोशी
क्वीन एलिजाभेथ के निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार वेस्टमिन्स्टर ऐबी नाम की चर्च में किया गया था। जब भी किसी राजा या फिर रानी का अंतिम संस्कार होता है तो इसी चर्च में होती है। इसके अलावा नए बने राजा या फिर रानी की ताजपोशी भी इसी चर्च में होती है। ऐसे में किंग चार्ल्स की ताजपेशी भी इसी चर्च में होगी।
शपथ लेकर संभाली जाती है गद्दी
एंग्लिकन चर्च के धार्मिक नेता कैंटरबरी के आर्कबिशप वेस्टमिन्स्टर चर्च में आकर नए राजा या रानी की ताजपोशी करते हैं। इसके बाद वहां पर आए सभी लोगों से नए राजा का परिचय करवाते हैं। परिचय करवाने के बाद राजा या रानी एक शपथ लेते हैं जो 1688 में लिखी गई थी। इस शर्त के अनुसार, ब्रिटेन की संसद के द्वारा पास किए गए सारे कानूनों को हिसाब से ही नया राजा सुशासन करेगा और उदारता के साथ कानून और न्याय का पालन करवाएंगे। इसके अलावा एंग्लिकन चर्च और प्रोटेस्टेंट धर्म की सुरक्षा के लिए जो भी संभव होगा वह नया राजा करेगा।