आज यानि 15 जनवरी को मकर संक्राति का त्योहार देशभर में मनाया जा रहा है। यह शांति, सुख-समृद्धि और खुशियों का प्रतीक माना जाता है। इस दिन लोग घरों में तिल, गुड़ आदि से चीजें बनाते और खाते है। इसी के साथ इस दिन खिचड़ी को खाना महत्वपूर्ण माना जाता है। माना जाता है कि इस त्योहार में खिचड़ी खाने से शनि का कोप दूर होता है। परंपरा के तौर पर खाई जाने वाली खिचड़ी हमारे हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होती है। इसके सेवन से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है साथ ही और भी कई स्वास्थ्य लाभ मिलते है...
डायबिटीज रहती है कंट्रोल
खिचड़ी दाल और चावल के मिश्रण से बनाई जाती है। इसे बनाने में जिस दाल का इस्तेमाल किया जाता है उसमें कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन आदि तत्व पाए जाते है। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होती है। शोध के अनुसार यह दाल ब्लड शुगर के लेवल को 20 प्रतिशत तक कम करने की क्षमता रखती है। जिसके कारण शुगर कंट्रोल में रहती है। ऐेसे में इन मरीजों को खिचड़ी जरूर खानी चाहिए।
दिल रहता है स्वस्थ
दाल में पाएं जाने वाले विभिन्न पोषक तत्व ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करती है। इसके सेवन से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। जिससे दिल संबंधी रोगों के होने का खतरा कम होता है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है। इसका नियमित रूप से सेवन करने से हार्ट स्ट्रोक और कोरोनरी धमनी रोगों के होने का खतरा कम होता है।
पाचन तंत्र होता है बेहतर
खिचड़ी बनाने में जीरा इस्तेमाल किया जाता है जो खाने को जल्दी पचाने में मदद करता है। इसमें मिनरल्स, फाइबर, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन, कैल्शियम आदि पोषक तत्व पाए जाते है। जिससे पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है। साथ ही पेट से जुड़ी समस्याओँ जैसी कि पेट दर्द, कब्ज, एसिडिटी आदि से छुटकारा मिलता है।
शरीर को डिटॉक्स करती है
खिचड़ी को आयुर्वेदिक आहार के रूप में माना जाता है। यह खाने में स्वाद देने के साथ बॉडी को डिटॉक्स करती है। इसे खाने से शरीर में ऊर्जा का संचार बेहतर ढंग से होता है।
अच्छी नींद दिलाए
खाने में जल्दी पच जाने के कारण यह अच्छी नींद दिलाने में भी फायदेमंद होती है।
वजन घटाए
अक्सर लोग सर्दियों में खिचड़ी के साथ देसी घी, दही और आचार का सेवन करते है। जिससे वजन बढ़ने की शिकायत का सामना नहीं करना पड़ता। इसे मुख्य रूप से रात को खाना चाहिए। क्योंकि यह जल्दी पच जाती है जिससे मोटापा, ह्रदय से संबंधित रोगों का होने का खतरा कम रहता है।