कमजोर नजर के लिए अक्सर लोग चश्मा लगाते हैं लेकिन कुछ लोग लेजर आईज सर्जरी के जरिए चश्मे से छुटकारा पा लेते हैं। इससे आपकी दूर या नजदीक देखने में आने वाली समस्या जल्दी सही हो जाती हैं। चाहे लेजर प्रक्रिया कितनी ही सुरक्षित है लेकिन फिर भी इससे कई बार प्रकार कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर आप भी लेजर सर्जरी करवाने जा रहे है, तो उनसे होने वाले नुकसान जान लें।
चलिए आपको बताते हैं कि लेजर सर्जरी करवाने से आपको क्या-क्या साइड-इफेक्ट्स हो सकते हैं...
पानी आना, हल्का दर्द व जलन होना
सर्जरी के बाद आखों में पानी आना, हल्की दर्द या जलन होना आम बात है। कई बार सर्जरी के कुछ समय तक आखों से साफ दिखाई नहीं देता है। वहीं कुछ लोगों को नाइट विजन की काफी समस्या होती हैं। यह लक्षण अक्सर सर्जरी के 2 से 4 दिन में गायब हो जाते है। 2 से 3 दिन बाद डॉक्टर से मिल कर अपनी आखें टेस्ट करवाते रहे।
आंखों में चकाचौंध लगना
कई बार सर्जरी के बाद रात को प्रकाश की तीव्रता का आभास होता है। वहीं दिन में सूर्य के प्रकाश में तेज रोशनी आखों में लगती है जिससे की सिर भारी - भारी लगता हैं। लेकिन यह समस्या सर्जरी के बाद कुछ दिनों तक ही रहती हैं।
फ्लेप की समस्या
कई बार सर्जरी के दौरान पुतली के अंदर की फ्लेप में छेद होने के कारण यह प्रक्रिया पूरी नही होती है। जिसके चलते 3 महीने बाद दोबारा यह सर्जरी की जाती है। जिससे इस अवस्था को सही किया जाता है।
कॉर्नियल फ्लैप
सर्जरी के दौरान कॉर्निया के सामने एक पतले हिंग वाले फ्लैप का निर्माण होता है, जिसे सर्जरी के दौरान उठाया जाता है। लेजर के बाद कॉर्निया का आकार बदलने में मदद करती हैं। जो कि पट्टी के रुप में काम करती हैं। यदि फ्लैप ठीक ढंग से नही बनाया जाता है तो यह कॉर्निया की सतह पर चिपक नही सकता है।
सूखी आखें
सर्जरी के बाद सूखी आंखों की समस्या हो सकती हैं। इसमें आंखों में लाली या खुजली महसूस हो सकती हैं। ऐसे में आखों में दवाई का इस्तेमाल करना चाहिए।
ओवर- या अंडर-करेक्शन
जब आखों की सर्जरी की प्रक्रिया सही ढंग से नही होती है, ऐसे में आखों में धुंधला नजर आता है। इस समस्या को दूर करने के लिए चश्मे का इस्तेमाल किया जाता हैं।
इन बातों का रखें ख्यास ख्याल
धूप में निकलने से पहले धूप के चश्मे का इस्तेमाल करें।
डॉक्टर की ओर दी गई चिकनाई और एंटीबायोटिक आई ड्रॉप का इस्तेमाल करें।
दो हफ्तों तक आंखों का मेकअप या आईक्रीम का इस्तेमाल न करें।
जोरदार शारीरिक गतिविधियों से बचें। जिससे आंखों पर असर पड़े।
सर्जरी के बाद आठ हफ्तों तक तैराकी व गर्म टब का इस्तेमाल करने से बचें।