आपने झरने तो कई सारे देखे होंगे,जहां पर पानी एक ऊंचाई से गिरता है। लेकिन एक जगह ऐसी भी है जो वॉटरफॉल के मतलब को ही पलट देती है। यहां पानी नीचे की बजाय ऊपर की ओर गिरता है। उड़ गए ना होश। आपको बता दें कि उल्टे झरने का नाम है रिवर्स वॉटरफॉल । ये महाराष्ट्र के नाणेघाट में है, इसलिए इसे नानाघाट या नानू घाट झरना भी कहते हैं। ये वॉटरफॉल कोंकण समुद्र तट और जुन्नर नगर के बीच में है। माना जाता है कि नाना घाट की स्थापना आंध्र सातवाहन वंश ने की थी। नाना घाट का रिवर्स वॉटरफॉल पुणे से तकरीबन 120 किलोमीटर दूर है....
झरना उल्टा बहने का कारण?
साईंस के मुताबिक धरती पर कोई भी चीज नीचे गिरने की वजह गुरुत्वाकर्षण बल है, लेकिन नानेघाट का ये झरना गुरूत्वाकर्षण बल के अपोजिट है। नाना घाट झरने का नीचे के बजाय ऊपर के पहाड़ की ओर जाने का कारण यहां चलने वाली तेज हवा है। हवा तेजी से नीचे से ऊपर की ओर चलती है जिसकी वजह से झरना उल्टा बहता हुआ दिखाई देता है।
ट्रेकिंग का लें मजा
नाणेघाट जंगलों और पहाड़ों से घिरा हुआ है, मानसून के मौसम में ये जगह और भी ज्यादा खूबसूरत हो जाती है। आप आराम से ट्रेकिंग का मजा लेते हुए नाणेघाट पहुंच सकते हैं और रिवर्स वॉटरफॉल देखने के साथ ही इस शानदार एडवेंचर का मजा ले सकते हैं। रिवर्स वॉटरफॉल तक पहुंचने के लिए 4-5 किलोमीटर की ट्रेकिंग करना होता है, हालांकि यहां पहुंचने के लिए और भी साधन हैं लेकिन ट्रेकिंग करते हुए जाने का मजा अलग ही है।