दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने मणिपुर में भीड़ द्वारा निर्वस्त्र कर घुमाई गई दो आदिवासी महिलाओं के परिजनों से मंगलवार को मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि पीड़िताओं को अभी तक न तो राज्य सरकार से कोई मुआवजा मिला है और न ही उनकी 'काउंसलिंग' की गई है।
डीसीडब्ल्यू ने एक बयान में कहा कि मालीवाल ने आयोग की सदस्य वंदना सिंह के साथ मणिपुर के चुराचांदपुर की यात्रा की और यौन उत्पीड़न की शिकार पीड़ित महिलाओं की मां और पति से मुलाकात की। उन्होंने चुराचांदपुर, मोइरांग और इंफाल जिलों की यात्रा की और राहत शिविरों का दौरा कर हिंसा प्रभावित लोगों से बातचीत की। पैनल ने आरोप लगाया कि मणिपुर सरकार ने मालीवाल को यात्रा या हिंसा से प्रभावितों से मिलने में कोई सहायता नहीं दी।
मालीवाल ने उन दोनों पीड़िताओं की मां और पति से मुलाकात की जिन्हें निर्वस्त्र घुमाया गया और छेड़छाड़ की गई। इनमें से एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार भी किया गया। बयान में कहा गया है कि सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई महिला की मां ने अपने बेटे और पति को भी खो दिया। इसके अनुसार उन्होंने पीड़िता को यौन उत्पीड़न से बचाने क प्रयास किया था। वहीं, पीड़ित दूसरी महिला पूर्व सैनिक की पत्नी है। उसके पति असम रेजिमेंट में सूबेदार के रूप में कार्यरत थे और करगिल युद्ध में भी हिस्सा लिया था।
मालीवाल ने बताया कि पीड़िता गहरे सदमे में हैं और उस दिन के भयावह पल अब भी उनके जहन में हैं। मालीवाल ने कहा- ‘‘वायरल वीडियो ने मुझे अंदर तक झकझोर दिया और मैं हर कीमत पर बचे लोगों से मिलना चाहती थी। मुझे स्थानीय लोगों ने बताया कि बचे हुए लोगों के परिवारों से मिलने के लिए यात्रा करना बहुत मुश्किल है। फिर भी मैंने भारी गोलीबारी के बीच बिना सुरक्षा के वहां जाने का फैसला किया और उनसे मिलने में कामयाब रही।''
अपनी मांग को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गृह मंत्री अमित शाह और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी के साथ तत्काल मणिपुर का दौरा करना चाहिए। एक और ट्वीट में स्वाति मालीवाल ने लिखा कि मणिपुर की बर्बरता की पीड़ित बेटियों के परिवार से मिली… इनके ये आंसू बहुत दिन तक सोने नहीं देंगे। अब तक इनसे कोई मिलने तक नहीं आया।