भगवान ने हर एक अंदर कोई न कोई काबिलियत जरूर डाली होती है। बस उसे ढूंढना और उस पर काम करना और उसे हथियार बनाना हमारा काम होता है। इस बात को भी याद रखिए कि इस जिंदगी में सभी एक जैसे नहीं हैं। हो सकता है कोई आपसे लंबा हो, छोटा हो, सुंदर हो या फिर आपसे अलग हो लेकिन आपमें कुछ अलग न हो ऐसा नहीं हो सकता है। जो काम आप कर सकते हैं वह कोई और नहीं कर सकता। भगवान ने आपके लिए ऐसा काम जरूर बनाया होगा जिसे सिर्फ आप कर सकते हैं। इसलिए अगर आप किसी से कमजोर हैं तो इसका अर्थ यह नहीं कि आपमें कुछ अलग बात नहीं है। और एक ऐसी ही उदाहरण पेश कर दी है हरविंदर कौर ने जो कि देश की सबसे छोटे कद वाली एडवोकेट बन गई हैं। लेकिन यह सफर उनके लिए आसान नहीं था।
कई चुनौतियां देखी लेकिन हारी नहीं
दरअसल हरविंदर कौर पंजाब के जालंधर शहर की है। हरविंदर को अपने कद के कारण लोगों की कईं सारी बातें भी सुननी पड़ी। जायज सी बात है कि आज कल लोग आपको कभी आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित नहीं करते हैं बल्कि वह बस इस बात का मौका ढूंढते हैं कि आप को नीचा कैसे दिखाया जाया और हरविंदर के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ लेकिन इसके बावजूद वह हारी नहीं।
तीन फुट की है हरविंदर
मीडिया रिपोर्टस की मानें तो हरविंदर 3 फुट की है। इसके कारण लोग जब उनका मजाक उड़ाते थे तो उन्हें काफी शर्म भी महसूस होती थी। लेकिन आज एडवोकेट बन कर हरविंदर ने सबको जवाब दे दिया है। खबरों की मानें तो देश में अभी तक हरविंदर कौर से छोटे कद की कोई महिला एडवोकेट नहीं है।
चौथी के बाद कद बढ़ना हुआ बंद
खबरों की मानें तो हरविंदर भी बाकी बच्चों की तरह ही थी लेकिन मुसीबत तब आन पड़ी जब चौथी क्लास के बाद उनका कद बढ़ना ही बंद हो गया। बेटी को ऐसे हालत में देख माता पिता की चिंता भी बढ़ गई। इसके कारण कईं बार इलाज भी करवाया लेकिन कुछ नहीं हो पाया। हरविंदर को भी हालात के साथ समझौता करना पड़ा।
कहीं भी आना जाना छोड़ दिया था
हरविंदर ने अपने कद के कारण कहीं भी आना जाना छोड़ दिया वह बस अपने कमरे में बैठी रहती है और अपने कद के बारे में ही सोचती रहती। इसके कारण हरविंदर का यह डर और बढ़ता गया। लेकिन एक बार उनके मन में ख्याल आया है कि क्यों न वह इसी कमजोरी को अपनी ताकत बनाएं और जिंदगी में आगे बढ़ें। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
हरविंदर की यह सीख आपको भी सुननी चाहिए
हरविंदर आज ने आज न सिर्फ समाज में एक अलग मुक्काम पाया है बल्कि उन्होंने बाकी लोगों के लिए एक मिसाल पेश की है। हरविंदर ने लोगों को यही सीख दी कि वह खुद से प्यार करें और अपने डर के आगे हारे नहीं।