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रतन टाटा के एक फोन ने बदली Aditi की किस्मत, खुद बताई हौसले और जुनून की कहानी

  • Edited By palak,
  • Updated: 21 Aug, 2022 11:46 AM
रतन टाटा के एक फोन ने बदली Aditi की किस्मत, खुद बताई हौसले और जुनून की कहानी

रतन टाटा एक ऐसा नाम है, जो अपना सादगी के जरिए लोगों के दिलों में राज करते हैं। रतन टाटा भले ही कितने बड़े आदमी क्यों न हो, लेकिन जब भी किसी ने उनसे मदद मांगी तो वह पीछे नहीं हटे। उनकी शख्सियत के ऐसे कई किस्से हैं। ऐसा ही एक किस्सा आपको बताने जा रहे हैं। स्टार्टअप के युवा फाउंडरों को सिर्फ एक कॉल के जरिए रतन टाटा ने बुलंदियों पर पहुंचा दिया है। तो चलिए आपको बताते हैं एक ऐसे ही स्टार्टअप फाउंडर की कहानी के बारे में...

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अदिति भोसले की चमकी किस्मत 

अदिति भोसले वालुंज पुणे में स्थित एक मोबाइल एनर्जी डिस्ट्रीब्यूशन स्टार्टअप रेपोस एनर्जी की को-फाउंडर हैं। अदिति ने लिंक्डइन पर अपनी कहानी बताया कि कैसे उद्योगपति रतन के सिर्फ एक फोन ने रातों-रात उनकी किस्मत बदल दी थी। अदिति ने बताया कि - 'रतन टाटा सर के साथ हमारा कोई सामना कोई जान पहचान नहीं थी। यह कहानी हौसला और जुनून की है।' कहानी कुछ ऐसे है कि कैसे अदिति के पास एक फोन आया, वह अपने पति और रेपोस एनर्जी के सह-संस्थापक चेतन वलुंजा के साथ रतन टाटा से मिलीं और कैसे उन्हें स्टाटअर्प के लिए फंड मिला। 

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कोई बिजनेस की पढ़ाई नहीं की थी पति-पत्नी ने

अदिति और उनके पति ने कोई भी बिजनेस की पढ़ाई नहीं की थी। उन्हें सिर्फ एक बात का पता था कि उनको किसी मेंटर की जरुरत है। इसके लिए उस वक्त मेरे दिमाग में 84 वर्षीय रतन टाटा जी का ख्याल आया। अदिति ने अपने पति चेतन से कहा कि -' मैंने अपने पति चेतन से कहा कि चल मिलते हैं।' चेतन ने आगे से कहा कि - 'अदिति वे हमारे पड़ोसी नहीं है, जैसे तुम कह रही हो कि चलकर मिलते हैं।' 

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लोगों ने कहा मिलना असंभव है  

इसके बाद दोनों की बात सुनकर कई लोगों ने यह भी कहा कि उनसे मिलना कोई संभव नहीं है। परंतु उन दोनों ने हार नहीं मानी और मुंबई के लिए निकल गए। अदिति ने एक थ्रीडी प्रस्तुति भी तैयार की कि कैसे वह ऊर्जा वितरण प्रणाली में बदलाव लाना चाहती हैं। रेपोस एनर्जी के लक्ष्य और तकनीक के इस्तेमाल से ऊर्जा डिस्ट्रीब्यूशन और डिलीवरी सिस्टम में बदलाव लाने की योजना भी बताई।  उन्होंने रतन टाटा को हाथ से पत्र लिखकर भेजा। अलग-अलग लोगों से भी जुड़े, रतन  टाटा के घर के बाहर 12 घंटे तक उन्होंने इंतजार भी किया। इतना इंतजार करने के बाद दोनों की कोशिशें भी बेकार नहीं गई और फिर रात को 10 बजे खुद रतन टाटा ने अदिति और उनके पति को फोन किया। 

'हाय अदिति में रतन टाटा बोल रहा हूं' से खड़े हुए अदिति के रोंगटे 

अदिति ने बताया कि - 'मैं कोई भी जवाब नहीं देना चाहती थी, लेकिन जब मैंने जवाब दिया तो फोन के दूसरी तरफ से आवाज आई। हाय क्या मैं अदिति से बात कर सकता हूं?, मैंने कहा - 'हां, क्या मैं जान सकती हूं कि कौन बोल रहे हैं? उन्होंने कहा, 'मैं रतन टाटा हूं, मुझे  आपका एक पत्र मिला है। क्या हम मिल सकते हैं? मेरे रोंगटे खड़े हो गए, आंखों में से आंसू गिरने लगे, चेहरे पर मुसकान आ गई।

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2019 में पहला और 2022 में मिला दूसरा निवेश 

अदिति ने बताया कि यह उनके लिए वह पल था, जब उनका सबसे बड़ा सपना सच होने जा रहा है। अगले दिन वह रतन टाटा से मिली और उन्हें अपना सारा प्लान बताया। तीन घंटे के लिए चली इस मीटिंग में हमने उन्हें अपने काम और लक्ष्य के बारे में भी बताया । इसके बाद रतन टाटा समूह को तरफ से उन्हें 2019 में पहला और 2022 में दूसरा निवेश मिला था। 

इलेक्ट्रिक चार्जिंग व्हीकल किया कंपनी ने लॉन्च 

निवेश मिलने के बाद मोबाइल एनर्जी डिस्ट्रीब्यूशन स्टार्टअप रेपोस एनर्जी ने हाल ही में ऑर्गेनिक कचरे से संचालित मोबाइल इलेक्ट्रिक चार्जिग व्हीकल लॉन्च किया था। ये स्टाटअर्प अदिति भोसले वालुंज ने अपने पति चेतन वालुंज के साथ मिलकर इसकी शुरुआत की थी। 

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