हिंदू धर्म में एकादशी के साथ अन्य व्रत व त्योहारों का भी विशेष महत्व है। वहीं हर महीने दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। इसे हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस बार यह तिथि सोमवार को पड़ रही है तो ऐसे में इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। इस शुभ दिन पर देवी पार्वती व महादेव की पूजा व व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने व सच्चे मन से पूजा करने से धन व अन्न संबंधी समस्याएं दूर होती है। निसंतान को संतान प्राप्ति व कुंवारों को मनचाहा साथी मिलता है। चलिए जानते हैं जून महीने की प्रदोष व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व व पूजा विधि....
सोम प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
सोम प्रदोष व्रत आरंभ- 07 जून 2021, दिन सोमवार, सुबह 08:47 मिनट से
सोम प्रदोष व्रत समापन- 08 जून 2021, मंगलवार रात 11:24 मिनट तक
पूजा का शुभ मुहूर्त- 07 जून 2021, सोमवार शाम 07:17 मिनट से 09:18 मिनट तक होगा
सोम प्रदोष व्रत का महत्व
यह व्रत भगवान शिव जी की कृपा पाने के लिए रखा जाता है। मान्यता है कि सच्चे मन से पूजा व व्रत करने से जीवन की समस्याएं दूर होकर मनचाहा फल मिलता है। कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है। कुंवारे लोगों की शादी में आने वाली अड़चने दूर होती है। सात ही निसंतान लोगों को संतान सुख मिलता है।
सोम प्रदोष व्रत पूजा विधि
. प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल यानि शाम के समय होती है।
. इस पूजा को सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है।
. इस दिन भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित करें।
. कच्चे दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें।
. फिर भगवान शिव के मंत्रों का जप करके कथा सुनें।
. अंत में आरती करें और भगवान को भोग लगाएं।
. साथ ही सभी को प्रसाद बांटे।