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Sankashti Chaturthi: कब है संकट हरणें वाली गणेश चतुर्थी, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 28 Jan, 2021 02:16 PM
Sankashti Chaturthi: कब है संकट हरणें वाली गणेश चतुर्थी, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

हिंदू तिथि के अनुसार, संतान प्राप्ति या उनकी सभी कष्टों से मुक्ति दिलाने के लिए मांएं हर साल संक्ट चतुर्थी यानि सकट चौथ का व्रत रखती हैं। इस साल यह व्रत 31 जनवरी के दिन पड़ रहा है। इस दिन विघ्नहर्ता गणेश जी का व्रत करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और संतान निरोगी व दीर्घायु होता है। हालांकि देश के कई हिस्सों में सकंट चतुर्थी 1 फरवरी को भी मनाई जाएगी। 

संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत का शुभ मुहूर्त

व्रत तिथि - जनवरी 31, 2021 (रविवार)
सकट चौथ चन्द्रोदय समय - 20:40
चतुर्थी तिथि प्रारंभ - जनवरी 31, 2021, 20:24 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त - फरवरी 01, 2021 को 18:24 बजे।

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कैसे करें भगवान गणेश की पूजा

इस दिन महिलाएं अपने संतान के लिए निर्जला व्रत करती हैं और शाम के समय भगवान गणेश की पूजा और चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं। चलिए आपको बताते हैं पूजा करने का तरीका...

1. सबसे पहले स्नान करें और फिर पूजा स्थान पर चौकी रखकर उसपर गंगाजल छिड़के।
2. चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें और उनके समक्ष, धूप, दीप और अगरबत्ती जलाएं। 
3. इसके बाद भगवान गणेश जी को पीले फूलों की माला व दूर्वा-घास चढ़ाएं। अब गणेश चालीसा, स्तुति और  स्तोत्र, मंत्र, आरती करके मोदक या किसी भी मिठाई का भोग लगाएं।
4. गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप नैवेद्य, ऋतु फल से भगवान गणेश जी की पूजा करें  और चंद्रमा को अर्घ्य भी दें।
5. चंद्रमा को अर्घ्य देते समय ॐ चन्द्राय नमः। ॐ सोमाय नमः। मंत्र का उच्चारण जरूर करें। छोटा-सा हवन कुंड बनाकर उसकी परिक्रमा करके चंद्रदेव के दर्शन करें और अपने बच्चों के लिए आशीर्वाद मांगे।

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चंद्रमा को अर्घ्य का तरीका

यह व्रत चंद्रमा को अर्घ्य दिए बिना सफल नहीं माना जाता है। चंद्रमा को शहद, रोली, चंदन और दूध से अर्घ्य दें। इसके बाद व्रत खोलकर शकरकंदी या कुछ भी खाएं।

गणेश और चंद्रमा का मिलेगा आशीर्वाद

1. मान्यता है कि यह व्रत रखने से ना सिर्फ संतान प्राप्ति होती है बल्कि अगर आपके बच्चे को सभी कष्टों से भी मुक्ति मिलती है। इसके अलावा इससे मन के स्वामी चंद्रमा और बुद्धि के स्वामी गणेश जी का आशीर्वाद भी मिलता है।

2. चतुर्थी व्रत से मानसिक शांति, काम में सफलता, प्रतिष्ठा में वृद्धि और घर में पॉजिटिव एनर्जी का वास होता है।

3. शास्त्र परंपरा के अनुसार, इस दिन कुछ लोग तिलकूट का पहाड़ बनाकर उसे काटते या पिंड बनाकर दान करते हैं, जिसे गुड-धेनु भी कहा जाता है। इसे रात्रि में चंद्रमा और गणेश भगवान की पूजा करने के बाद दान करना चाहिए।

गणेश जी के 12 नाम का जाप

इस दिन भगवान गणेश के 12 नाम एकदंत, सुमुख, कपिल, लंबोदर, गजकर्णक, विघ्न-नाश, विकट, धूम्रकेतु, विनायक, गणाध्यक्ष, गजानन और भालचंद्र का जाप भी करें। इससे शुभ फल मिलता है। इसके साथ ही "ॐ गं गणपतये नमः" मंत्र का जाप भी करें।

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