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क्यों करनी चाहिए बच्चों की मालिश? पैरेंट्स जानें इससे होने वाले फायदे

  • Edited By palak,
  • Updated: 28 Jul, 2022 12:01 PM
क्यों करनी चाहिए बच्चों की मालिश? पैरेंट्स जानें इससे होने वाले फायदे

बच्चे बहुत ही नाजुक होते हैं। अधिकतर नवजात बच्चों को अधिक देखभाल की जरुरत होती है। शिशु के पैदा होते ही माता-पिता को उनके स्वास्थ्य की चिंता होने लगती है। शिशु के अच्छे स्वास्थ्य और मजबूत हड्डियों के लिए मालिश बहुत ही जरुरी होती है। ऐसा माना जाता है कि मालिश करने कसे बच्चे और मां के बीच रिश्ता मजबूत होता है और इसके बाद बच्चे को बहुत अच्छी नींद आती है। यह तो सभी जानते हैं कि बच्चे की मालिश करना जरुरी है, लेकिन दिन में कितनी बार बच्चे की मालिश करनी चाहिए। यह बात बहुत कम लोग जानते होंगे। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में...

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कब शुरु करनी चाहिए शिशु की मालिश? 

नवजात शिशु के जन्म के कुछ हफ्तों के बाद उनकी मालिश की जा सकती है। बच्चे की मालिश आप हल्के हाथों से करें। मालिश के लिए हाथों और पैरों में तेल लगाएं और शिशु की मालिश करें। यदि शिशु मालिश करवाते समय परेशान नहीं हो रहा तो आप उसकी मालिश करें। हाथ-पैर की मालिश करने के बाद आप शिशु की मालिश करें। शिशु की मालिश करने के लिए आप मौसम के मुताबिक, ही कपड़े और तेल का चुनाव करें। 

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दिन में कितनी बार कर सकते हैं शिशु की मालिश 

आप शिशु की मालिश दिन में कम से कम दो बार जरुर करें। मालिश करने से पहले बच्चे के मूड़ को भी समझने का प्रयास करें। यदि शिशु मालिश करते समय नहीं रोता और अपने हाथों और पैरों को टाइट नहीं करता तो आप उसकी मालिश करते रहें। परंतु अगर शिशु मालिश करवाते समय रोता है और अपने हाथ-पैर भी टाइट कर लेता है, तो आप उसकी मालिश न करें। शिशु की मालिश का स्थान भी आप मौसम के मुताबिक, ही चूनें। सर्दी होने पर आप कमरे में ही मालिश करें परंतु वहीं दूसरी ओर यदि मौसम गर्मी वाला है तो आप हल्की सी धूप में बच्चे की मालिश कर सकते हैं। लेकिन धूप में मालिश करते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि शिशु की आंखों में सीधी धूप न पड़े। 

कैसे करें शिशु की मालिश? 

शिशु की मालिश करने के लिए सबसे पहले आप अपने हाथों को अच्छे से धो लें। इस बात का ध्यान रखें कि नाखून ज्यादा बड़े न हो, हाथों में किसी भी तरह की ज्वेलरी न हो। इसके बाद शिशु को पीठ के बल लेटा दें और हल्के हाथों से उसकी पीठ से मालिश करना शुरु करें। फिर पीठ के बाद धीरे-धीरे बच्चों के पैरों की भी मालिश करें। लेकिन शिशु की छाती और पीठ पर तेल लगाते हुए थोड़ा सा धैर्य रखें। मालिश के दौरान अपने हाथों का भी हल्का ही रखें। अंत में शिशु के सिर की मालिश करें। मालिश के दौरान आप घर के किसी बुजुर्ग या फिर अन्य सदस्य की सहायता भी ले सकते हैं। 

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मालिश के फायदे

. मालिश करने से शिशु के शरीर को बहुत ही आराम पहुंचता है, जिसके कारण शिशु मालिश के बाद गहरी नींद में सोता है।

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. मालिश करने से बच्चे के शरीर का भी बहुत ही अच्छे से विकास होता है। 
. शिशु को गैस, कब्ज जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है। 

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. इसके अलावा मालिश के जरिए शिशु अपनी मां के स्पर्श को पहचान पाता है। 

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. मालिश करने से बच्चा का मूड़ भी अच्छा रहता है। 


 

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