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करोड़ों बुजुर्गों की मदद को आगे आए रतन टाटा, बोले- बूढ़ा होने पर पता चलता है अकेलेपन का दर्द

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 19 Aug, 2022 10:35 AM
करोड़ों बुजुर्गों की मदद को आगे आए रतन टाटा, बोले- बूढ़ा होने पर पता चलता है अकेलेपन का दर्द

भारतीय बिजनेस टाइकून रतन टाटा हमारे देश के सबसे लोकप्रिय और दरियादिल व्यक्तित्वों में से एक हैं। अपनी सादगी के चलते वह लाखों दिलों में राज करते हैं। अब टाटा ने एक खास स्टार्टअप को अपना समर्थन दिया है। Goodfellows' नाम की यह स्टार्टअप कंपनी युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों को जोड़ने का काम करती है।  अकेलापन दूर करने के लिए ये युवा बुजुर्गों के साथ कैरम खेलना, उनके लिए अखबार पढ़ेंगे और आराम करने में उनकी मदद करेंगे। 


दरअसल टाटा समूह से सेवानिवृत्त होने के बाद टाटा लगातार स्टार्टअप कंपनियों का समर्थन करते रहे हैं। वह अबतक 50 से अधिक कंपनियों में निवेश कर चुके हैं। स्टार्टअप की लॉन्चिंग के दौरान उन्होंने कहा- आपको तब तक अकेले होने का मतलब समझ नहीं आता, जबतक आप एक साथी की चाह में अकेलापन महसूस नहीं करते हैं। आपको बूढ़े होने से डर नहीं लगता, लेकिन जब आप बूढ़े हो जाते हैं तो आपको समझ आता है कि दुनिया बहुत मुश्किल है."। 

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टाटा ने विवाह नहीं किया है। 84 वर्षीय टाटा ने कहा कि- आप तब तक यह समझ सकते कि अकेले रहना कैसा होता है जबतक कि आप खुद अकेले रहते हैं और साथ चाहते हैं। एक अच्छे स्वभाव वाला साथी प्राप्त करना भी एक चुनौती है। इस नवीनतम कंपनी की स्थापना शांतनु नायडू ने की है। कॉर्नेल विश्वविद्यालय से शिक्षित 30 वर्षीय नायडू, टाटा के कार्यालय में एक महाप्रबंधक हैं और 2018 से उनके साथ जुड़े हैं।

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नायडू ने टाटा को एक बॉस, एक संरक्षक और एक मित्र के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया में 1.5 करोड़ बुजुर्ग हैं, जो अकेले हैं। उन्होंने कहा- स्टार्टअप वरिष्ठ नागरिक ग्राहकों के साथी के रूप में ‘काम’ करने के लिए युवा स्नातकों को काम पर रखता है। आम तौर पर, एक साथी सप्ताह में तीन बार ग्राहक से मिलने जाता है, और चार घंटों तक रहता है। एक महीने की मुफ्त सेवा के बाद कंपनी एक महीने का 5,000 रुपये का मासिक शुल्क लेती है। कंपनी आर्थिक राजधानी में बीटा चरण में पिछले छह महीनों से 20 बुजुर्गों के साथ काम कर रही है और आगे पुणे, चेन्नई और बेंगलुरु में सेवाएं देने की योजना बना रही है।

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नायडू ने  बताया कि उन्होंने मनोवैज्ञानिकों की मदद से एक वरिष्ठ नागरिक के साथी के रूप में काम करने के लिए सही उम्मीदवार का चयन करने को एक मॉडल विकसित किया है। नायडू ने टाटा को सहज निवेशक बताया है, जो किसी कंपनी का समर्थन करने से पहले एक व्यापक समुदाय या समाज के लिए एक व्यावसायिक विचार की प्रासंगिकता को देखता है।
 

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